ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण ग्रामीण क्षेत्र वैक्सीन लगाने से वंचित

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 बुरहान बंगड़वाला @ खरडू बड़ी
ग्रामीण क्षेत्रो में भी वैक्सीन लगाने के लिए 18 प्लस वाले लोगो मे बहुत उत्साह है लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण लोगो को काफी जदोजहद करना पड़ रहा है घंटो ऑनलाइन पर स्लाट बुक करने का इंतजार करते है लेकिन जैसे ही अपना आधार नम्बर डालते है स्लाट बुक हो जाते है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से लोग अशिक्षित है। ऐसे में ऑनलाइन प्रक्रिया उनके लिए चिंता का विषय है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र पिछड़ा वर्ग है यहाँ किसी के पास एंड्राइड मोबाइल होना बहुत बड़ी बात है जिनके पास नही है उनके लिए यह ऑनलाइन प्रक्रिया करना मुश्किल है अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में इस ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में किसी को पता ही नही और किस तरह से इसकी बुकिंग करना पता नही है। ग्रामीण क्षेत्रों में नही कोई नेता और नही कोई आला अधिकारी इस ओर ध्यान दे रहा है।
कोरोना काल के दूसरे फेज में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रकोप देखने को मिला यदि ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को वेक्सीन नही लगी तो गांव कैसे कोरोना मुक्त होगा। वर्तमान में भी जो मामले आ रहे है वो भी ग्रामीण स्तर के देखने को मिल रहे है।और ग्रामीण युवा इस ऑनलाइन प्रक्रिया के जाल में उलझकर टीका से दूर है।

जब हमने ग्रामीण क्षेत्र में जाकर गांव के युवाऔर ग्रामीण से बात की तो उन्होंने बताया कि 18 प्लस वालो को टीका तो लगाया जा रहा है लेकिन यह कैसे लग रहा है और क्या इसकी प्रक्रिया यह हमें पता नही है क्यो की ग्रामीण क्षेत्र में इतने शिक्षित लोग नही है जो ऑनलाइन प्रक्रिया से अपना बुकिंग कर सके ओर नही हमारे बीच कोई जननेता आकर हमे इसके बारे में बताते है*

यह कहते हैं ग्रामीण

साहब यदि ग्रामीण क्षेत्रों में यदि पहले 45 प्लस वालो को आईडी प्रूफ दिखा कर डायरेक्ट टीका लगाया जा रहा था अगर वैसा हो जाये तो 18 प्लस वालो को भी आसानी से ग्रामीण स्थल पर भी इस वेक्सीन का लाभ ग्रामीण क्षेत्र ले सकेगा।

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