एक विवाद और दो प्रदर्शन के  बाद छुट्टी पर भेजे गए जिले की पारा चौकी के  प्रभारी, इन्हे दिया चार्ज

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नवनीत त्रिवेदी @झाबुआ Desk

पिछले कई दिनों से हिंदू युवा जनजाति संगठन और पारा पुलिस के बीच चल रहे विवाद के बाद अंततः आज पारा चौकी के प्रभारी उप निरीक्षक अशोक बघेल को छुट्टी पर भेज दिया गया है । विवाद की शुरुआत अब से कुछ दिन पहले तब हुई थी जब पारा क्षेत्र की अंबे माता मंदिर के पास की जमीन को झाबुआ के एक व्यापारी द्वारा पारा के 3 व्यापारियों को विक्रय कर दो गई थी , जमीन का कब्जा लेने के बाद जमीन के पास ही बने मकान जिसमें कई वर्षों से किराएदार रह रहे थे उन्हें खाली करने  का जब  कहा गया तब से इस सौदे का विरोध शुरू हो गया था और और हिंदू युवा जनजाति संगठन इस जमीन विक्रय का लगातार विरोध कर रहा था और संगठन द्वारा इसके खिलाफ आवेदन भी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को दिया गया था। 

आवेदन के बाद कलेक्टर रामा तहसीलदार को जांच हेतु नियुक्त और तहसीलदार संयुक्त टीम बनाकर जांच करवाई थी लेकिन संगठन के गठित टीम के विरोध के बाद टीम का पुनर्गठन किया गया था और टीम ने जांच बाद अपना प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा था । जिसका निराकरण अभी लंबित है।

वही दूसरी और अनावेदक पक्ष द्वारा भी एक आवेदन पुलिस अधीक्षक झाबुआ को दिया गया था , सूत्रों के अनुसार उस आवेदन के  हिंदू युवा जनजाति संगठन के पदाधिकारियों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया था जिसके विरोध में संगठन द्वारा पारा चौकी पर दिनांक 07 अक्टूबर को आंदोलन किया गया था, आंदोलन  के बीच संगठन के पदाधिकारी से चर्चा करने भाजपा जिला अध्यक्ष भानु भुरिया  भी पहुंचे थे और उनकी बात सुनने के बाद 2 दिन में चौकी प्रभारी को हटाए जाने का आश्वासन भी संगठन के पदाधिकारी को दिया गया था लेकिन लगभग 10 दिन भी जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होता देख आज हिंदू युवा जनजाति संगठन द्वारा सोशल मीडिया पर पारा चौकी प्रभारी अशोक बघेल के “60 गावों में पुतले तक जलाने की चेतावनी दे दी गई थी”और इसके साथ ही ये भी लिखा गया था, ” एक चौकी प्रभारी को कैबिनेट मंत्री, सांसद, जिला अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य चारों मिलकर भी नहीं हटा पा रहे हैं वोट मांगने मत आ जाना” इस तरीके से हिंदू युवा जनजाति संगठन लगातार चौकी प्रभारी बघेल के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवा रहा था और आज चौकी प्रभारी अशोक बघेल को पुलिस अधीक्षक झाबुआ पद्म विभूषण शुक्ल द्वारा 4 दिन के आकस्मिक अवकाश पर भेज कर पारा चौकी प्रभारी का चार्ज सहायक उप निरीक्षक विपिन वर्मा को दिया गया है।

यहां से हुई थी चौकी प्रभारी और संगठन के बीच विवाद की शुरुआत 

दरअसल 7 अक्टूबर को जब हिंदू युवा जनजाति संगठन के पदाधिकारी भूमि क्रय करने वाले अनावेदक पक्ष के खिलाफ प्रदर्शन करने गए थे और उनका आरोप था कि अनावेदक पक्ष ने हिंदू युवा जनजाति संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को अपराधिक प्रवृत्ति का और गुंडा कहकर आवेदन में संबोधित किया है और हम उस पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं, जब चौकी प्रभारी द्वारा संगठन के पदाधिकारीयो से  सवाल किया गया कि किसने कहा कि आपको अपराधिक प्रवृत्ति का लिखा गया है तो संगठन के पदाधिकारी द्वारा पुलिस अधीक्षक को दिए ज्ञापन का फोटो चौकी प्रभारी को दिखाया गया इससे चौकी प्रभारी नाराज हो गए और पुलिस की गोपनीयता भंग करने और पुलिस को दिए गए  आवेदन के बिना किसी अनुमति के फोटो खींचने के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने की बात की गई इसके  बाद चौकी प्रभारी और संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस हुई और चौकी प्रभारी चौकी में चले गए ।

बघेल पर प्रधान आरक्षक को गोपनीयता भंग करने के शक में चांटा जड़ने का भी लगा था आरोप 

सूत्रों के अनुसार जब चौकी प्रभारी और संगठन के पदाधिकारी के बीच लंबी बहस और नोंकझोंक हुई, उसके बाद गुस्से में चौकी प्रभारी चौकी के अंतिम कक्ष में पहुंचे और वहां बैठे एक प्रधान आरक्षक को इस शक में कि पुलिस अधीक्षक को दिए गए आवेदन जो जांच के लिए पारा चौकी पर था उसे संगठन के पदाधिकारी द्वारा प्रधान आरक्षक द्वारा दिया गया है इस शक में जोरदार चांटा जड़ दिया गया जो की अंतिम कक्ष में कैमरे ना होने से यह कैमरे में कैद तो नहीं हो पाया लेकिन कक्ष के पीछे खड़े कुछ कार्यकर्ताओं ने यह घटनाक्रम अपनी आंखों से देखा हालांकि प्रधान आरक्षक  द्वारा इस बात को नकार दिया गया एवं यह कहा गया की चौकी में एक दूसरे से छोटा-मोटा विवाद चलता रहता है।

फिलहाल चौकी प्रभारी बघेल को छुट्टी पर भेज दिया गया है ,जमीन विवाद की जांच के बाद उसका निराकरण होना शेष है लेकिन इन सबके बीच ये एक नया सवाल खड़ा हो गया है की क्या जिले की प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था चरमराई हुई है , एक और पेटलावद के किसानों के प्रति राजस्व विभाग का नजरिया अभी भी जल सत्याग्रह के दिन जैसा ही है तो पिछले 2 दिनों में  3 प्रभारियों का हटाया जाना शायद ये ही संदेश दे रहा है।

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