आरक्षक की सूझबूझ से युवक को मिला अपना गुम हुआ लैपटॉप, 30 मिनट में युवक को लौटाया गया वापस

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नवनीत त्रिवेदी @ झाबुआ Desk

शहर के नेहरू मार्ग स्थित राम मंदिर पर एक युवक कुलदीप पिता अशोक कुमार दिवाकर पानी पीने के लिए रुका था, युवक के पास दो बैग थे, पानी पीने के बाद युवक जल्दबाजी में एक बैग गलती से राम मंदिर कि सीढ़ी पर ही भूल गया था, कुछ देर बाद जब वह कोतवाली में पदस्थ आरक्षक गमतु किराड़िया अपने निजी काम से नेहरू मार्ग से गुजर रहे थे तभी किसी ने बताया कि यह बैग यहां लावारिस हालत में पड़ा है, आरक्षक द्वारा आसपास सभी जगह पूछताछ की गई लेकिन किसी के भी द्वारा बैग की पहचान ना किए जाने के बाद आरक्षक द्वारा बैग झाबुआ कोतवाली ले जाया गया एवं मंदिर के आसपास सूचना भी दी गई कि कोई भी बैग ढूंढते हुए आता है तो उसे कोतवाली भेज दीजिएगा, कुछ ही देर में युवक कुलदीप अपना बैग ढूंढते हुए राम मंदिर पर पहुंचा जहां पर मंदिर के समय ही पान व्यवसायी संदीप पोरवाल ने उसे झाबुआ कोतवाली भेजा एवं कोतवाली पर आरक्षक गमतु द्वारा अपने वरिष्ठों को बता कर लैपटॉप बैग वापस युवक को लौटा दिया गया।

इस दौर में जहां एक और हर क्षेत्र, हर कस्बे, हर संस्था और हर कार्य में किसी न किसी प्रकार से भ्रष्टाचार के नए आयाम छूने कोई भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, बिना किसी योग्य माध्यम / जरिए / जुगाड़ के सामान्य काम होना भी बहुत ज्यादा असामान्य है, ऐसे दौर में आरक्षक गमतु द्वारा बिना किसी स्वार्थ के ड्यूटी पर ना होने के बावजूद भी अपना फर्ज निभाया – प्रेरणादायी है – उन सबके लिए जिनके लिए हर कार्य का मकसद सिर्फ पैसा है।

आरक्षक गमतु को साधुवाद एवं आगामी वर्षों की सफलतम सेवा के लिए शुभकामनाएं….

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