आत्मा को परमात्मा में लगाना ही सच्ची भक्ति है- पंडित उपाध्याय

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झाबुआ लाइव के लिए झकनावदा से जितेंद्र राठौड़ की रिपोर्ट-

 भैरूपाड़ा पंचायत के अंतर्गत आने वाले छोटे से ग्राम गुलरीपाड़ा मैं श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्री कृष्ण भगवान एवं रुक्मणी का विवाह बड़े ही धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर ग्रामीणजन द्वारा श्री कृष्ण एवं रुक्मणी का वेश धारण कर भजनों पर नृत्य कर प्रस्तुति दी गई। पंडित दीपक जी उपाध्याय द्वारा गोपाल म्हारी नौकरी पक्की करो एवं ऐ मोहन तेरा मुस्कुराना भूल जाने के काबिल नहीं जैसे भजनों की प्रस्तुति दी जिस पर उपस्थित भक्तों द्वारा पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट के साथ भक्ति में हो गया। साथ ही कथा में पंडित दीपक जी उपाध्याय ने कहा कि आत्मा को परमात्मा में लगाना ही सच्ची भक्ति है। आप केवल सुबह शाम एक-एक घंटा प्रभु भक्ति में लीन हो जाओ तो आपके व आपके परिवार पर कभी किसी प्रकार का कोई संकट या आपदा नहीं आएगी ।यह मेरा अनुभव बता रहा हूं ,आप इसे कर के देखें आप खुद मान जाएंगे की प्रभु भक्ति करने में कितनी ताकत है । और साथ ही आपका अगला जन्म प्रभु भक्ति करने से सार्थक हो जाएगा। रंगारंग भक्ति में संगीतकार आनंद सोलंकी अमझेरा (गायक), कलाकार तबला वादक सुरेश जी विश्वकर्मा ,ऑटो पैड वादक मनोज जी शर्मा, आर्गन वादक मुकेश जी द्वारा सुंदर भजनों पर नीत नई दोनों पर भक्तों का मन मोह रहे है। श्रीमद् भागवत कथा समिति द्वारा भागवत ज्ञान गंगा का श्रवण करने वाले भक्तों के लिए दो दिवसीय भंडारे का आयोजन किया गया। ग्राम गुलरिपाड़ा में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा को सुनने के लिए चारण कोटडा ,बरवेट, सरदारपुर, पेटलावद ,थांदला ,झाबुआ,झोसरपाड़ा ,रायपुरिया झकनावदा, सेमलिया ,नीमच, उमरकोट ,टोडी ,कुंभाखेड़ी, धतुरिया ,बखतपुरा से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पधार रहे हैं। वही कार्यक्रम में मुख्य रुप में पूर्व विधायक वालसिंग मेड़ा,सरदारपुर धार जिले से पधारे रिटायर्ड एस. डी.ओ. फारेस्ट विभाग सुरसिंग डामोर, मनोहर सिंह सेमलिया ,भूपेंद्र सिंह राठौर सेमलिया ,मनीष कुमट, गोपाल विश्वकर्मा,अनोखीलाल जी मिस्त्री, राधेलाल वसुनिया, भेरूपाडा सरपंच ,शांतिलाल चौधरी, प्रदीप सिंह तारखेड़ी, जगदीश मिस्त्री,वरदीचंद सिंगार, राधेलाल मकवाना अध्यापक, रतनलाल सिंगार, लक्ष्मण सिंह सिंगार ,रणछोड़ सिंगार ,गल्ला सिंगार, उपस्थित रहे। आज की महाआरती एवं प्रसादी के लाभार्थी भागीरथ सिंगार, कैलाश सिंगार ,पूनमचंद वाखला, जामसिंह (जामा) कटारा, दिनेश परमार रहे ,साथ ही महाप्रसादी के लाभार्थी बिलामसिंग भाभर, पूनम चंद वाखला रहे।

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