अभिव्यक्ति साहित्य संस्था का प्रथम शिखर सम्मान वरिष्ठ गीतकार दिनेश प्रभात को

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झाबुआ डेस्क। जब मन में ललक साहित्य चेतना व कविता के प्रति ईमानदारी सहित फूहड़ता सस्ती लोकप्रियता से परे कुछ करने का जज्बा हो तों विपरीत परिस्थितियों में भी छोटे किंतु भागीरथी प्रयास इतिहास रच सकतें हैं। ऐसा ही कर दिखाया रंभापुर जैसे गांव के झाबुआ आदिवासी अंचल में पले बढ़े बग़ैर किसी साहित्य विरासत के कालेज समय से कविता लिखने फिर मंचों पर राष्ट्रीय पहचान बना अपने क्षेत्र में साहित्य गतिविधियों व हिन्दी के प्रति राष्टीय अगाध प्रेम करने वाले निसार पठान रंभापुर ने अभिव्यक्ति साहित्य संस्था का गठन 14 सितंबर 2004 में गठित कर छोटे मोटे कभी किसी दिवस गतिविधियों संचालित मौलिक कवियों को मंच देने के प्रयास में। 

अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

निसार पठान ने अभिव्यक्ति के बीसवें वर्ष के अंतिम पड़ाव पर अभिव्यक्ति साहित्य शिखर सम्मान किसी श्रेष्ठ गीतकार कवि गजलकार को लेने का फैसला किया अपने मित्रों सदस्यों एम एल फूलपगारे, नीरज राठौर, मकन सिंह खपेड, स्मृति आचार्य, देवास के मनोज दुबे रतलाम के शायर अब्दुल सलाम खोकर, रतलामी खंडवा के नीरज पाराशर, बुधनी के शंकर बटोही को बताया। सबकी स्वीकृति मुहर लगते तय हो गया प्रथम अभिव्यक्ति साहित्य शिखर सम्मान देश के शीर्ष गीतकार प्रसिद्द मुक्तक कार व गजलकार एक दशक से गीतगागर का संपादन कर रहे दिनेश प्रभात को देने का। फिर रंभापुर गांव के कवि ने राजधानी भोपाल में दुश्यंत कुमार पांडुलिपि संग्रहालय में गत दिनों उद्देश्य को अंजाम दे सिद्ध कर दिया सच्चा प्रयास निष्फल नहीं होता। 

भोपाल जैसे जगह में झाबुआ के अंचल द्वारा एक वृहत सम्मान व अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की चर्चा राजधानी व देश के साहित्य जनों व सोशल मीडिया फेसबुक जोरों पर है। आयोजन में मुख्य अतिथि उर्दू अकादमी मध्यप्रदेश शासन नुसरत मेहदी संहित अतिथि दय निराला शोध सृजनपीठ भोपाल की साधना बलवटे वरिष्ठ कवि व्यंग्यकार ब्रजकिशोर पटेल अंतरास्ट्रीय कवियित्री विभा शुक्ला बनारस व चैतन्य चेतन वरिष्ठ गीतकार नवाबगंज बरेली उत्तर प्रदेश सहित माखन नगर बाबय की डाक्टर प्रतिभा सिंह राठौड़ ने भी कार्यक्रम शिरकत की अपने उद्बोधन कहा झाबुआ जैसे सुदूर अंचल के युवा कवि का यह अभिनव प्रयास हम वरिष्ठ साहित्यकार को भी नव संदेश दे रहा है। आयोजन में शबाना शबनम उज्जैन, विभा शुक्ला बनारस, पंकज अंगार ललितपुर, नीरज पाराशर, शंकर बटोही, दिनकर पाठक आदि ने काव्य पाठ किया। उद्देश्य साहित्य गतिविधियों व अभिव्यक्ति कीबीस वर्ष की साहित्य गतिविधियों पर स्वागत भाषण में संस्थापक निसार पठान रमभापुरी ने प्रकाश डाला। वरिष्ठ गीतकार भोपाल के अभय जैन ने दिनेश प्रभात के पचास वर्षों के लेखन व आठ से अधिक संग्रह जिसमें चंदा तेरे गांव में। झमाझम बारिश में। आएं हैं तों काटेंगे एक रात तुम्हारी बस्ती में यादों में हरसूद आदि पर प्रकाश डालते हुए शब्द शिल्प सौंदर्य शैली संस्कृति का समन्वय दिनेश प्रभात की रचना में मिलता कहा। कवियों अतिथि को झाबुआ जिले की वनवासी संस्कृति गुड़िया प्रतीक स्वरूप भेंट की गयी। अपने प्रत्युत्तर दिनेश प्रभात कहा मैं संपूर्ण झाबुआ ही नहीं वनांचल का ऋणी हूं कभी कालापानी मानें जाने वाले झाबुआ में आज़ाद सा ज़ज्बा साहित्य चेतना के प्रति है यह प्रसन्नता का विषय है झाबुआ की संस्कृति वहां का रहन सहन भगोरिया व हाट बाजार सहित वेशभुषा व्यवहार लोकगीत लोकभाषा कला शोध का विषय है। सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन का संचालन रतलाम के अब्दुल सलाम खोकर प्रसिद्ध शायर वाह वाह फेम ने किया। आभार भोपाल के साहित्य अनुरागी अभय जैन ने माना।

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