अतिक्रमण मुहिम में प्रशासनिक अमला भू-माफिया व पूंजीपतियों के अतिक्रमण पर चला पाएगा बुलडोजर, या सिर्फ छोटों पर ही कार्रवाई तक होगी सिमित….?

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अशोक बलसोरा, झाबुआ
मप्र में कमलनाथ सरकार की अतिक्रमण मुहिम भू-माफिया व अतिक्रमणकारियों में खौफ का माहौल है। लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ छोटे लोगों पर की जा रही है जबकि पूंजीपतियों कार्रवाई नहीं की जा रही है जिससे कार्रवाई पक्षपात के घेरे में है। वहीं जब भी अतिक्रमण का बुलडोजर चलता है तथा धनाढ्य लोगों को बख्श दिया जाता है।
पारा में स्वेच्छा से हटाया अतिक्रमण-
पारा में पिछले तीन दिनों पूर्व प्रशासन द्वारा अनाउंसमेंट कर अतिक्रमण को अपनी स्वेच्छा से हटाने के निर्देश दिए गए थे जिसके चलते पारा में अधिकांश लोगों ने अपनी दुकानों के आगे लगे टिनशेड, पक्के अतिक्रमण को हटा लिया। लेकिन सवाल इस बात का है कि जिन लोगों द्वारा स्थाई अतिक्रमण कर रखा है, क्या प्रशासनिक कार्रवाई व उनका बुलडोजर शासकीय भूमि पर स्थाई अतिक्रमण चलेगा…..? कई बात प्रशासनिक जिम्मेदार अधिकारियों ने नोटिस दिए लेकिन नोटिस के बाद सांठगांठ के चलते उन अतिक्रमण को बचा लिया गया। वहीं शासकीय नालियों के ऊपर व शासकीय भूमियों पर पक्के निर्माण अभी भी प्रशासन की अतिक्रमण मुहिम को मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं। शहर के राणापुर रोड से लेकर बस स्टैंड, राजगढ़ रोड पर दुकानदारों ने इतना अतिक्रमण कर रखा है कि वहां से गुजरना राहगीरो के लिए मुश्किलों से कम नहीं है। वहीं यहां के व्यापारियों ने तो अपनी दुकाने रोड से सटा दी है, तो वहीं सदर बाजार, शीतला माता मंदिर, बोरी रोड पर भी राहगीरों को निकलना आसान नहीं होता है। क्या प्रशासन इन सभी अतिक्रमणकारियों से नगर को मुक्त करवा पाएगा….? विचारणीय प्रश्न मुंहबांये खड़ा है।

जिम्मेदार बोल-
हमने तीन दिन पूर्व कस्बे में अनाउंसमेंट करवाया था कुछ ने स्वेच्छा से अतिक्रमण हटा लिए हैं तथा कुछ स्थाई अतिक्रमण को चिन्हित कर लिया गया है, कार्रवाई होगी। -अभयसिंह खराड़ी, एसडीएम झाबुआ

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