अतिक्रमण की जद में ग्राम, सीसी कंक्रीट ओर पेवर्स लगाकर सड़को तक पहुंचे दुकानदार

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रायपुरिया लवेश स्वर्णकार/ पन्नालाल पाटीदार

रायपुरिया में हर कोई अस्थाई अतिक्रमण करने का आदि हो गया है। हर दुकानदार अपनी दुकान के आगे तम्बु, लगाकर सड़क के किनारे पहुच चुका है। आलम यह है कि सड़क तक दुकानदारो के पहुचने से सड़क किनारे वाहन खड़े करने तक कि जगह शेष नही रह गई । किसी दुकान पर कोई ग्राहक दोपहिया वाहन लेकर जाता भी है तो उसे डामर की सड़क पर वाहन खड़ा करने को विवश होना ही पड़ता है । रायपुरिया का कोई सा भी ऐसा मार्ग नही बचा जहा यह अस्थाई अतिक्रमण न हो । नगर का मुख्य मार्ग इस अस्थाई अतिक्रमण की चपेट में सबसे ज्यादा है। लिहाजा इन अस्थाई अतिक्रमण को हटाने की दरकार भी है । मुख्य मार्ग पर आए दिन दुर्घटना की खबरे देखने सुनने को मिल जाती है इन दुर्घटनाओं का सबस बढ़ा कारण अस्थाई अतिक्रमण का सड़क किनारे तक पहुच जाना भी हो सकता है ? इसे नजर अंदाज भी नही किया जा सकता है। ग्राम पंचायत के सामने वार्ड 12 से लगाकर झाबुआ तिराहे तक अतिक्रमण सड़क किनारे तक पसरा हुवा है  यहां पंचायत द्वारा पूर्व में बनाई गई नाली भी है जिसे रहवासियों ने पूरी तरह से पैक कर रखा है पंचायत की बनाई हुई नाली के बाद 20 फ़ीट का अस्थाई अतिक्रमण कर दुकानदार सड़क किनारे तक पहुच चुके है। रविवार हाट वाले दिन तो यह स्थति गंभीर हो जाती है । सड़क किनारे लगने वाली अस्थाई दुकान ओर जामली रोड झाबुआ तिराहे ओर सर्कल के चारो ओर लगने वाले ठेलेवाले यातायात व्यवस्था को ध्वस्त कर देते है कई बार पुलिस के जवानों को कई समय तक मशख़्क्त करके आवागमन चालू करवाना पड़ता है। रायपुरिया में अतिक्रमण के आदि हुवे लोग पहले नाली के बाहर चद्दर के सेड लगा लेते है उसके बाद इन सेड तक तो ठीक था इसके आगे पल्ली तम्बु को स्थायी बांधकर सड़को तक पहुच जाते है और सड़क किनारे तक अपने दुकान के सामान को रख देते है इस तरह की स्थति ग्राम पंचायत के ध्यान नही देने की वजह से बढ़ती चली जा रही है। आमजन की सुरक्षा के मद्देनजर सड़क किनारे वाहनों के खड़े रहने की जगह होना चाहिए । लेकिन यह जगह अतिक्रमण की चपेट में आ चुकी है। लगता है ग्राम पंचायत इस अफलातून तरीके से हुवे अतिक्रमण को लेकर या तो गंभीर नही ये या जानकर भी अनजान बन कार्रवाही से बच रही है। ग्राम पंचायत के एक पंच का कहना है की ग्राम पंचायत के सामने हो रहे इस तरह के अतिक्रमण होने के समय उन्होंने इसओर ध्यान देने की भी बात कही थी लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया था।

जिम्मेदार बोल
【सरपंच सुखराम मेड़ा का कहना है कि में मामले को दिखवाता हु ]
● सचिव मांगीलाल बिलवाल ने कहा कि मेरी जानकारी में नही है में जाकर देखूंगा ।】

 

 

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