पिता के डांटने पर घर छोड़कर गया प्रवीण को पुलिस अधीक्षक व सांसद के प्रयासों के बाद 6 वर्ष अपना पहुंचा अपने घर, माता-पिता ने माना आभार

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भूपेंद्रसिंह नायक, पिटोल
वर्ष 2013 में पिता के डांटने पर घर छोड़कर जाने वाले प्रवीण पिता समसू निवासी पिटोल आज सुबह 7 साल बाद हिमाचल प्रदेश के मनाली से वापस अपने घर आया तो उसकी मां आशु भावुक होकर अपने बेटे को बस से उतरते ही बस पिटोल बस स्टैंड पर गले लगा लिया और भगवान का धन्यवाद अदा किया कि उसका बेटा 7 साल बाद सही सलामत वापस घर लौट आया। बेटे को लेने के लिए उसके पिता उसका भाई और आदिवासी समाज के समाजसेवी पार सिंह खराड़ी और मकन सिंह गुंडिया तथा झाबुआ पुलिस अधीक्षक के निर्देश से एक एएसआई और एक आरक्षक भी लेने गए थे उन लोगों का भी प्रवीण की मां ने धन्यवाद अदा किया।

सोशल मीडिया के माध्यम से वापस लौटा प्रवीण
जब प्रवीण नासमझ नादान था और गांव में कुछ छोटी मोटी गलतियां करता था, तब उसके पिता समसू की उसे डांट डपट के कारण सन् 2013 में प्रवीण पिता से नाराज होकर बस में बैठ कर कहीं चला गया था। यह सोचकर कि पिता की नाराजगी दूर हो जाएगी तो मैं वापस लौट आऊंगा, परंतु उसे वापस लौटने की समझ नहीं होने के कारण वह किसी रेलवे स्टेशन से रेलगाड़ी में बैठकर अनजानी मंजिल की ओर रवाना हो गया और ट्रेन में बैठकर जोगिंदर नगर मंडी में पहुंच गया, परंतु वहां कुछ समझ नहीं होने से एक होटल व्यवसायी को काम वाले लड़के की जरूरत थी वहां पर वह काम करने लगा वहां से वह अलग.अलग स्थानों पर होटलों में काम करता रहा सुंदर नगर हरावल पंजाब आदि जगहों की होटलों में काम किया। उसके पश्चात वह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू मनाली पहुंच गया वहां पर उसने होटल में 2 महीने 22 दिन तक काम किया। इधर में वह एंड्रॉयड फोन उपयोग करने लगा प्रवीण के वहां होटलों में काफी सारे दोस्त बन गए जब वे दोस्त प्रवीण के घरबार के बारे में पूछते थे तब वह इतना ही बताता था कि मैं पिटोल गांव का रहने वाला हूं एवं मेरे पिता का नाम समसू है तब किसी दोस्त के मोबाइल पर फेसबुक पेज पर पिटोल सर्च हुआ तब उसने प्रवीण को उसके गांव का नाम बताया और पिटोल के पास वाले किसी डीजे वाले की प्रोफाइल पर नंबर सर्च किया और डीजे वाले से बात करके बताया कि मैं पिटोल के समसू का बेटा हूं और बहुत दूर यहां मनाली में हूं तब डीजे वाले ने दूसरे दिन समसू के घर जाकर उसकी उसके बेटे प्रवीण से बात करवाई और उसकी मां और परिवार वालों से भी बात की तब पुलिस अधीक्षक विनीत जैन झाबुआ एवं सांसद गुमान सिंह डामोर से इस मामले में मदद करने की गुहार लगाई तब दोनों ही महानुभाव ने सहयोग किया और उनको लाने के लिए ट्रेन में टिकट करवा उसके परिवार वाले एवं एक एएसआई और एक आरक्षक को प्रवीण को लेने के लिए रवानगी दी।

होटल व्यवसायियों ने किया सहयोग
प्रवीण ने जिन होटलों पर काम किया था वहां उसका मेहनताना बाकी था परंतु जब प्रवीण के परिवार वाले और सहयोगी साथ में प्रवीण को लेने गए तब उन होटल वालों ने उसका मेहनताना दिया, और जो बाकी है वह उसके पिताजी के बैंक के खाते में डालने का आश्वासन दिया, अभी प्रवीण को एक व्यवसायी ने ग्यारह हजार एवं दूसरे व्यवसाई ने पांच हजार रुपए दिए हैं और प्रवीण का व्यवहार अच्छा होने के कारण जो लोग उसे लेने गए थे उनसे कहा है कि अगर प्रवीण वापस हमारे यहां काम करने आता है तो उसका स्वागत है।

अशिक्षित होने के कारण वापस नहीं आ पा रहा था प्रवीण
प्रवीण बचपन से ही पढ़ाई नहीं की थी वह गांव में भी छोटा था तब व्यापारियों व अन्य जगह पर मजदूरी करता था। इसलिए वह पढ़ नहीं पाया जब प्रवीण भाग कर जोगिंदर नगर मंडी तक पहुंच गया पर जब भी घर लौटने का मन होता तो अज्ञानता के कारण ट्रेन में बैठता दिल्ली आता परंतु दिल्ली से घर आने की समझ नहीं होने के कारण वापस दिल्ली से मनाली रोड जाता घर आने का प्रयास उसने दो से तीन बार किया परंतु अशिक्षित होने कारण घर नहीं लौट पाया।

हिंदी एवं घर की भाषा भी नहीं बोल पाता प्रवीण
प्रवीण इन सात सालों में घर से दूर रहने के कारण अपनी घर की आदिवासी भाषा एवं हमारी मातृभाषा हिंदी भी भूल गया हिंदी व समझ जाता है परंतु बोलने में कठिनाई होती है वह अपने घर की आदिवासी भाषा भी भूल गया वह मनाली क्षेत्र की भाषा बोल रहा है।

प्रवीण के घर आने पर मन्नत उतारने का सिलसिला प्रारंभ
प्रवीण के पिता समसू एवं माता आशु के का कहना है कि हमने हमारे बच्चे के लिए कई देवी-देवताओं से बहुत सारी मन्नते ले रखी है। इसके आने पर हम उसे उतारेंगे, जब भी हम किसी जानकार से या बड़े से उसके बारे में पूछने की जाते थे तब यह बताते थे कि तेरा बेटा जीवित है और वापस लौट आएगा और उसी प्रकार परमपिता परमेश्वर की कृपा से हमारा बेटा सकुशल लौट आया है। ईश्वर का कोटि.कोटि धन्यवाद प्रवीण के आने से उसके परिवार साथी मित्रों ने खुशी में लोगों को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करवाया एवं उसके परिवार वालों ने पुलिस अध्यक्ष विनीत जैन एवं सांसद गुमान सिंह का भी आभार माना।
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