ऐसे लिखी गयी ” शांति डामोर” के जिला पंचायत अध्यक्ष बनने की स्क्रिप्ट ; पढ़िए पूरी स्टोरी

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चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

अंततः कांग्रेस की “शांति राजेश डामोर” झाबुआ जिला पंचायत की अध्यक्ष चुन ली गयी .. लेकिन यह इतना आसान नही था जितना कि आंकड़े बता रहे है .. अपनी इस खबर मे हम आपको शांति राजेश डामोर के जिला पंचायत अध्यक्ष बनने की पटकथा यानी स्क्रिप्ट कैसे लिखी गयी यह बताएँगे लेकिन उसके पहले आप इन तीन दृश्यों को समझ लीजिए ।

दृश्य क्रमांक -1 –
जगह -एमपी टूरिस्ट का मोटेल
मौजूद है प्रभारी मंत्री सुरेंद्र हनी बघेल ; सांसद कांतिलाल भूरिया ; शेडो विधायक डाक्टर विक्रांत भूरिया – यहां मंथन चल रहा है कि आखिर कैसै जिला पंचायत झाबुआ को जीता जाये .. यहां अकमाल मालू को भी बुलाया गया तो मालु ने क्लियर कर दिया कि वह खुद अध्यक्ष पद लड़ना चाहते है इसलिऐ पार्टी उनके नाम का एलान करे ; लेकिन पार्टी ने मालू के जाते ही रुपसिंह डामोर पर विचार हुआ मगर पेटलावद विधायक वालसिंह मैडा ने वीटो किया .. कारण बताया कि कांग्रेस के खिलाफ काम किया है .. फिर शांति राजेश डामोर का नाम तय किया गया ओर पार्टी ने अपने सदस्यो को व्हिप जारी कर दिया कि कांग्रेस उम्मीदवार शांति को ही वोट करना है ।

दृश्य क्रमांक -2 –
स्थान – एक उद्योगपति का फाम॔ हाऊस
यहां बीजेपी के सभी 5 सदस्यो की एक बैठक होती है जिसमे बीजेपी के संगठन के लोग भी शामिल होते है इस बैठक मे सभी सदस्य दावेदारी करते है बात नही बनती तो बैठक बेतनीजा खत्म हो जाती है । इस बैठक मे सीसीबी चेयरमैन गोरसिंह वसुनिया के जिला पंचायत सदस्य भतीजे राजेश वसुनिया क्लियर कर देते है कि अगर उन्हें अध्यक्ष का दावेदार नही बनाया जाता तो वह वोटिंग मे हिस्सा ही नही लेंगे ।

दृश्य क्रमांक -3 – पूव॔ संघ कार्यालय ( मरी माता के पास ) जब बीजेपी का उम्मीदवार तय नही हुआ तो झाबुआ विधायक गुमानसिंह डामोर की इंट्री होती है वह अकमाल मालू (कांग्रेस बागी) को तैयार करते है ओर अकमाल मालू तेरसिंह की जिला पंचायत सदस्य पत्नी को अपने पक्ष में राजी करते है और भाजपा समर्थन देगी यह तय होता है और कल 22 जनवरी को मतदान के पहले ही एक उद्योगपति और बीजेपी के 4 सदस्य अकमाल मालू को माला पहनाते है और अकमाल इस तरह 6 सदस्यों के साथ जिला पंचायत पहुंचते है।

अब जानिए मतदान प्रवेश से लेकर शांति के अध्यक्ष बनने की कहानी

कुल 13 सदस्यो को वोटिंग करना था मगर बीजेपी के राजेश वसुनिया आये ही नही तो 12 लोगो को वोटिंग करना था ओर जीत के लिए चाहिए थे कुल 7 वोट .. ऐसे मे अकमाल मालू ओर शांति राजेश डामोर ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया .. इस दोरान डाक्टर विक्रांत भूरिया ओर प्रभारी मंत्री सुरेंद्र हनी बघेल सक्रिय हुऐ ओर अकमाल मालू के लिए लाबिंग मे जुटे एक उद्योगपति पर दबाव बनाया गया कि अगर कांग्रेस की शांति राजेश डामोर हारी तो ठीक नही होगा ओर उनका यह कदम कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ माना जायेगा .. इस संदेश को देने कांग्रेस के समाजसेवी नेता को लगाया गया जिसके बाद अचानक से वोटिंग के पहले ” कमलेश मचार ” जिला पंचायत से बाहर निकल गये ओर उसके कुछ देर बात मैगजी अमलियार ” भी बाहर निकल गये । दोनो सदस्यो को उद्योगपति का करीबी माना जाता है दोनो के हटते ही अब वोट देने वालो की संख्या 10 रह गयी जिसमे कांग्रेस के 6 सदस्य थे ओर पहले से गेंदाल डामोर ने थादंला विधानसभा क्षैत्र से आने वाले एक जिला पंचायत सदस्य से डील की हुई थी लिहाजा बीजेपी का एक वोट ओर कांग्रेस को मिल गया इसलिऐ कांग्रेस की शांति राजेश डामोर 7/3 से विजय घोषित हुई ।

पटकथा के यह हीरो
बराबर की टक्कर के बाद भी कांग्रेस को जिला पंचायत मे मिली जीत दरअसल कांग्रेस की रणनीतिक जीत है ओर इस जीत की पटकथा लिखने वालो मे सांसद कांतिलाल भूरिया के साथ प्रभारी मंत्री सुरेंद्र हनी बघेल ओर डाक्टर विक्रांत भूरिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है यह जीत लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस को ऊर्जा देगी ।

With input – विपुल पांचाल

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