शिकायत के बावजूद मनरेगा तालाब निर्माण में जेसीबी मशीन का इस्तेमाल जारी

0

चंद्रभानसिंह भदौरिया, चीफ एडिटर

आदिवासियों को रोजगार देने के नाम पर सरकारे एवं प्रशासन डिंडोरा तो खूब पिटता है आंकड़े भी कागजों पर जारी कर खुद की पीठ थपथपाई जाती है। लेकिन जमीन पर हालात कुछ ओर होते हैं। इसकी बानगी देखने को मिल रही है, विगत तीन दिनों से आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के थांदला विकासखंड के गणेशपुरा गांव में, जहां पर 24 लाख रुपए की लागत से एक तालाब बनाया जा रहा है, जो की महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा के अंतर्गत बनाया जा रहा है। मनरेगा का नियम यह है कि मशीनों की जगह मानव श्रम को महत्व देना है, ताकि स्थानीय स्तर पर आदिवासी श्रमिकों को रोजगार मिल सके और उन्हें पलायन न करना पड़े। लेकिन झाबुआ लाइव आपको इस खबर में कुछ एक्सक्लूसिव वीडियो दिखा रहा है जिसमें साफ दिख रहा है कि तालाब निर्माण का कार्य जेसीबी से किया जा रहा है तथा ट्रैक्टरों का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से हो रहा है। ऐसा भी नहीं है कि इसकी जानकारी प्रशासन न हो, लेकिन जिम्मेदार अज्ञात कारणों से खामोश है, और वह कारण क्या है यह आप समझ सकते हैं। गांव के जागरुक युवा सुखलाल पारगी, मसुल निनामा, हीरा डामोर आदि ने बकायदा 27 दिसंबर को थांदला तहसीलदार के दफ्तर में इसकी शिकायत की कि जेसीबी से हो रहे मनरेगा के तालाब निर्माण को तुरंत रुकवाया जाए, ताकि उनके गांव के स्थानीय आदिवासी श्रमिकों को रोजगार मिल सके। मगर तहसीलदार की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस संबंध में आज नवागत कलेक्टर प्रबल सिपाहा को भी मीडिया ने मामला संज्ञान में लाया तो उन्होंने मामले को दिखाने की बात कही। अब देखना यह है कि आरईएस एवं उनके ठेकेदारों का गठबंधन कामयाब होता है या गांव के युवाओं की मनरेगा निर्माण में जेसीबी का इस्तेमाल की मुहिम।

नोट – अगर आप झाबुआ – अलीराजपुर जिले के मूल निवासी है ओर हमारी खबरें अपने वाट्सएप पर चाहते है तो आप हमारा मोबाइल नंबर 8718959999 को पहले अपने स्माट॔फोन मे सेव करे ओर फिर Live news लिखकर एक मेसेज भेज दे आपको हमारी न्यूज लिंक मिलने लगेगी

नोट : अगर पहले से हमारे मोबाइल नंबर 9425487490 से हमारी खबरें पा रहे हैं तो कृपया ऊपर वर्णित खबर पर न्यूज के लिए मैसेज न भेजे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.