स्व कराधान योजना की मूल अभिलेखों में हुए फर्जीवाड़े व अनियमितता, 50 से ज्यादा पंचायतो के रिकॉर्ड की जांच करवाएंगे कलेक्टर
हरीश राठौड़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
झाबुआ जिले के चार जनपद पंचायतों में प्रथम बार हुई जांच में यह तो साबित हो गया है कि जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों व ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव मिलकर के मध्यप्रदेश शासन की महत्वपूर्ण योजना में भारी अनियमितता कर फर्जी रिकॉर्ड बनाकर शासन से कुट रचित तरीके से राशि तो प्राप्त कर ली। प्रथम दृष्टया दो दिवसीय जांच में ग्राम पंचायतों के मूल अभिलेखों को नहीं देखा गया था जिसके चलते शिकायतकर्ता ने कलेक्टर आशीष सक्सेना को इस बारे में अवगत कराया जिसमें बताया कि कई ग्राम पंचायतें वित्तीय वर्ष 2013 14 और 14- 15 में भी पंचायत राज संचनालय भोपाल से सीधे उन्नीस पंचायतों ने अपने खाते बदलकर राशि डलवाई है जिसमें प्रथम बार राशि डलवाने के बावजूद वीत्तीय खाते बदलकर राशि डलवाई है जिसके रिकॉर्ड जनपद पंचायतों में नहीं है, और ना ही जिला पंचायत में है जिसमें कुछ नई पंचायतें भी शामिल है जो जनपद पंचायत पेटलावद की जामली व रामा से संबंधित है उसको भी जांच में शामिल किया जावे। क्योंकि जो दो दिवस में पेटलावद, मेघनगर, थांदला, रामा की जांच हुई है उसमें न तो ग्राम पंचायतों के मूल अभिलेख देखे गए , न साइडों का वेरिफिकेशन किया गया, न ही ग्राम पंचायतों द्वारा पूर्व में किए गए निर्माण कार्यों का मिलान किया गया। वर्तमान में पेटलावद की कई ग्राम पंचायतों के तो रिकॉर्ड भी गायब है और जो रिकॉर्ड है उसमें भारी अनियमितता की गई है। वही बिल वाउचर MB में पंचायतों के रिकॉर्ड के रिकॉर्ड में के रिकॉर्ड में में भी हेर-फेर की गई है ल। शासकीय खाते बदलना व राशि डलवाना भी शामिल है शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा शिकायत पत्र में दिए गए बिंदु के अनुसार जांच नहीं की गई है जिसमें बताया गया कि 2008-09 से 2017-18 तक सभी शासकीय योजनाओं के साइन बोर्डों की भी जांच की जाए कि किसी योजना का कौन सा कार्य ग्राम ग्राम पंचायतों द्वारा किया गया है। इससे यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि मध्यप्रदेश शासन की योजना के कितने कार्य कितनी कितनी लागत से पूर्ण किए गए है। सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त दस्तावेज में भारी अनियमितता कर फर्जीवाड़ा किया गया है। ग्राम पंचायत अमरगढ़ के तो रिकॉर्ड मैं भारी हेरफेर किया गया है। ज्ञात रहे की जिले की इन ग्राम पंचायतों में जांच हो जाने के बात ईओडब्ल्यू भोपाल में चल रहे प्रकरण को लेकर टेक्नीशियन अधिकारी भी ग्राम पंचायतों की जांच करेंगे।