500 व 1000 के नोट के प्रचलन को लेकर बाजार में बनी विवाद की स्थिति, दुकानें हुई बंद

May

झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
500-1000 के नोट के बंद किए जाने खबर मिलते ही व्यापारी वर्ग में हड़कंप मच गया। हर गली, मोहल्ले, चौराहे पर लोग ग्रुप में खड़े होकर मोदी सरकार के इस आकस्मिक निर्णय पर तर्क विर्तक करने लगे। नगर का शाम के समय चमन रहने वाला पिपली चौराहे पर भी चाय कि चुस्कियों के साथ 500-1000 के नोट को किस तरह उपयोग में लिए जाए व कैसे चैंज करवा जाए, इस विचार विमर्श करते व्यापारी व आम जन नजर आये। चर्चा के दौरान आने वाले समय मे व्यापार के तरीकों में किस तरह परिवर्तन होंगे व प्रोपर्टी बाजार में इस नए फैसले के बाद गिरावट आने के भी कयास चर्चा के दौरान लगाये जाने लगेे। अगले दिन सुबह बाजार खुलते ही ग्रामीणों मे भी हलचल शुरु हो गई। परन्तु सुबह से शाम तक नगर के सभी चौराहो पर चर्चाओ के दौर जारी रहे। सोशल मीडिया पर भी पूरे समय इसी विषय पर चर्चाएं एवं चुटकुलों का दौर चलता रहा। 500 व 1000 रुपए के नोट लेकर व्यापार करने पंहुचे ग्रामीणों से नोट लेने से इंकार करने पर उन्हे कई दिक्कतों का सामना करा पड़ा। व्यापारियों द्वारा उन्हें समाझाइश दी गई कि वह किस तरह अपने नोट बदलाकर उपयोग मे ले सकते है । चूंकि नगरवासी तो सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों से पूरी स्थिति को समझ चुके थे पर ग्रामीणों को बाजार पहुंचने के उपरांत ही इस बारे में जानकारी मिली। कई जगहों पर कम कीमत पर नोट लिए जाने को लेकर तो कई जगहों पर नोट न लेने की स्थिति में विवाद की स्थिति बनी, जिसके चलते बाजार खुलने के कुछ ही देर बाद साहूकारी,ज्वेलर्स समत कई प्रतिष्ठान देखते ही देखते बंद होना शुरु हो गए। अब देखना यह है कि बैंक खुलने के बाद किस तरह की स्थिति बनेगी।