5 साल में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए आईआईटी दिल्ली व जीएसआइटीएस इंदौर के विद्यार्थी जिले में करेंगे काम

May

झाबुआ। जिले में पांच साल में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने की शुरुआत की जा रही है। जिले में पांच गांवों का चयन पायलट ग्रामों के रूप में किया गया है। इन पांच गांवों में जीएसआईटीएस इंदौर और आईआईटी दिल्ली के छात्रों की टीम प्लान बनाकर काम करेगी। पांच साल में यहां के किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। अगर यहां की प्लानिंग सफल हुई तो जिले के अन्य गांवों में इसी तरह की योजना पर काम किया जाएगा। शुरुआती तौर पर जिन गांवों का चयन किया गया है, उनमें वो गांव शामिल किए गए है जहां साल में आमतौर पर सिर्फ एक सीजन की फसल ली जाती है रबी का रकबा यहां 20 प्रतिशत या इससे कम है। आमदनी के दूसरे संसाधनों पर भी यहां काम नहीं होता। इन गांवों में झाबुआ ब्लॉक के तीन, रामा का एक और मेघनगर ब्लॉक का एक गांव शामिल किया जा रहा है। जीएसआईटीएस इन्दौर और आईआईटी दिल्ली की टीम इन गांवों को एक तरह से गोद लेकर आमदनी बढ़ानें के लिए काम करेगी।
पायलट ग्राम में चुने गए गांव-
झाबुआ ब्लॉक के ग्राम मसुरिया, कोटडा और कालिया बयड़ा, रामा ब्लाक का गांव खेड़ा, मेघनगर ब्लांक का गांव छोटा गुड़ा है।
इस तरह की है प्लानिंग-
सिंचाई के साधनों का विकास किया जाएगा। ज्यादा से ज्यादा किसान रबी की फसल ले सकें, इस तरह की सिंचाई योजनाएं बनाई जाएंगी। कृषिगत के अलावा उद्यानिकी खेती, फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों को पशुपालन और मुर्गीपालन जैसी गतिविधियों से भी जोड़ा जाएगा। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर आमदनी बढ़ाने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्नत खेती की तकनीकों से किसानों को अवगत कराकर खेती में उनका प्रयोग किया जाएगा।जिले में किसानो की आय दोगुनी करने के लिए कलेक्टर आशीष सक्सेना, सीईओ जिपं अनुराग चौधरी, एएसपी सीमा अलावा आईआई टी दिल्ली, जीएसआईटीएस इन्दौर एवं जिले के संबंधित विभागों के जिला अधिकारियों, ने बैठक में विचार विमर्श कर योजना को मूर्तरूप दिया।