पेटलावद। 12 सितंबर को हुए हादसे के मुख्य आरोपी राजेन्द्र कांसवा को पकड़ने मे एसआईटी टीम को अभी तक सफलता नहीं मिली ओर एसआईटी की सबसे बड़ी उपलब्धि आरोपी के परिजनो का नार्काे टेस्ट की अनुमति पर भी अब पानी फिरता नजर आ रहा है। मिली जानकारी अनुसार राजेन्द्र कांसवा के परिजनों मे से एक साक्षी मनोज कुमार गादिया के द्वारा पेटलावद न्यायलय के नार्को टेस्ट के आदेश को चुनोती दी है। ओर मनोज गादिया के द्वारा दायर की गई पुनरीक्षण याचिका को झाबुआ जिला एंव सत्र न्यायालय के द्वारा स्वीकार करते हुए दर्ज कर लिया गया है। और एसआईटी टीम सहीत पुलिस को दो नवम्ंबर तक रेकार्ड लेकर न्यायालय में उपस्थित होने का सूचना पत्र जारी किया गया है। ऐसी स्थिति में 2 नवंबर तक फिलहाल न्यायालय के आदेश अनुसार अभी आरोपी के परिजनो का नार्काे टेस्ट किया जाना संभव दिखाई नही दे रहा हैं। गोरतलब है कि पेटलावद न्यायालय में आरोपी के परिजन नरेन्द्र, फुलंचद, प्रमीला, शुभम, सोनिया कांसवा व मनोज गादिया का नार्को टेस्ट कराये जाने की एसआईटी के आवेदन को 16 अक्टूबर को मंजूरी दी है।
किन आधारो पर लगाई याचिका
पुनरीक्षणकर्ता मनोज गादिया के द्वारा पुनरीक्षण आवेदन में मुख्यरूप सें यह कहा गया है की माननीय सर्वोच्च न्यायालय एंव उच्च न्यायालय के द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार पेटलावद न्यायालय द्वारा आदेश जारी नही किया गया है जो की त्रुटी पुर्ण है वही याचिका में मानव अधिकार के उलग्न को भी चुनोती दी गई है। और कहा गया है की भारतीय संविधान व मानव अधिकार आयोग के द्वारा जांे नार्काे टेस्ट के संबध में दिशा निर्देश दिये गये है उनका भी कोई पालन पेटलावद न्यायालय के द्वारा आदेश पारित करते समय नही किया गया है इस लिये पुनः मानव अधिकार आयोग के द्वारा जारी गाइड लाइन के आधारो पर नार्को टेस्ट करवाया जाये इस प्रकार की मांग याचिकाकर्ता के द्वारा करते हुए माननीय न्यायालय से याचिका स्वीकार करने का निवेदन किया गया है।
क्या होगा प्रभाव
यदी याचिकाकर्ता मनोज गदिया की याचिका जो की 2 नंवम्बर को सुनवाई के लिए अतिरिक्त जिला एंव सत्र न्यायाधीश झाबुआ के समक्ष सुनवाई के लिए नियत है यदी यह याचिका स्वीकार होती है तो इससे एसआईटी टीम को साक्षीयो का नार्को टेस्ट करवाने में कठीनाई आ सकती है। वही यदि याचिका अस्वीकार होती है तो याचिकाकर्ता के पास वरिष्ठ न्यायालय में कार्रवाई करने के अधिकार सुरक्षित है।
आरोपी के परिजनो की बडी पेशी
राजेन्द्र कांसवा के दो भाई नरेन्द्र व फुलचंद के विरुद्ध प्रथक से प्रकरण बनाये है जिनके आधार पर व पहले से ही जिला जंेल झाबुआ में बंद है शुक्रवार को नरेन्द्र व फुलचंद की पेटलावद न्यायालय में पुनः पेशी थी जो 9 नवंबर को सुनवाई के लिए नियत की गई है।
जनचर्चा का विषय
न्यायालय द्वारा नार्को टेस्ट का आदेश करे को लगभग 15 दिन हो गये है किन्तु एसआईटी के द्वारा अब तक आरोपी के परिजनो का नार्काे टेस्ट नहीं करवाया गया है। जिससें आमजन में एसआईटी की कार्यप्रणाली पर भी अंसतोष जाहिर हो रहा हैं साथ ही आमजन का यह भी कहना है की यदि एसआईटी तुरंत न्यायालय के आदेश से नार्काे टेस्ट करवा लेती तो इस प्रकार की कानूनी प्रक्रिया करने का मोका साक्षियो को नहीं मिलता कही ऐसा न हो की पुरा मामला कोर्ट कचहरी में उलझ कर रह जाए। इस लिये पेटलावद नगर की जनता जल्द से जल्द आरोपी को पकड़ने की मांग कर रही है।
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