स्कूल बसों में नहीं है सीसीटीवी कैमरे व महिला सहायक, स्कूल शिक्षा विभाग के नियम हवा में

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झाबुआ लाइव के लिए रायपुरिया से लवेश स्वर्णकार की रिपोर्ट-
स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया है। इस व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए विभाग ने इसकी जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी है। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी को अपने मातहतों के जरिये स्कूल बसो की चेकिंग अभियान चलाना होगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों को आने वाली परेशानी या कोई हरकत पर नजर बनाए रखने के लिए यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए गए है लिहाजा बच्चों की सुरक्षा रखी जा सके।
दरअसल, रायपुरिया और उससे जुड़े अंचल के कई ग्रामों में पेटलावद और रायपुरिया के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों की करीब दो दर्जन से अधिक बसे  अंचल से स्कूली बच्चों को लेकर स्कूल जाती है लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इन स्कूल संचालकों पर स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। इन बसों में अक्सर देखा जा रहा है कि बसों में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर और खड़ा रख स्कूल ले जाया जा रहा है यहां तक की कई स्कूल बसें अपने रुट पर जाने के दौरान सवारिया भी बैठाकर ले जाते है, पर स्कूल प्रबंधन का भी ध्यान इस और नहीं है। इन बसों में छात्राओं को स्कूल लाने ले जाने के लिए महिला सहायक का होना भी जरुरी है लेकिन अंचल की किसी भी स्कूल बसों में महिला सहायक नहीं है इन बसों में पुरुष सहायक ही छात्राओं को स्कूल लाने ले जाने का कार्य कर रहे है। यही हाल रायपुरिया की निजी स्कूल के भी है यहां भी इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है। अंचल की कई स्कूल ऐसी भी है जिनके पास खेल ग्राउंड तक नहीं है यहां की स्कूल के बच्चों सडक़ पर ही खेलकूद करते देखे जा सकते है लेकिन यहां आज तक किसी शिक्षा अधिकारी ने आकर नहीं देखा ऐसी स्कूलों की मान्यताएं भी कागजों पर देख कर दी जा रही है।
स्कूल प्रबंधन की मनमानी पर कब लगेगा लगाम?
स्कूल बसों के लिए जारी की गई गाइड लाइन के तहत जारी निर्देशों का पालन होगा भी या नहीं यह तो आगे समय ही तय करेगा लेकिन वर्तमान में जमीनी हकीकत यह है, की अंचल की किसी भी बसों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे है एक आद बस में लगाए भी है तो वह मात्र शो-पीस बन चुके हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के जारी निर्देश के पूर्व मौजूदा व्यवस्था के तहत जिला कलेक्टर स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे और महिला सहायक के लिए निर्देशित करते रहे है इन निर्देशों के पालन के लिए जिम्मेदारी परिवहन विभाग और ट्रैफिक जवानों और खुद प्रशासन की है लेकिन स्कूल प्रबंधन भी इन निर्देशों के पालन में टालमटोल कर रहे लगभग यही ढर्रा पिछले कई सालों से जारी है। इन निर्देशों का पालन करवाने के लिए कोई बड़े स्तर का अभियान या कार्रवाई नहीं होती है। लिहाजा निर्देश जारी करना महज एक रश्म अदायगी माना जाने लगा है  यदि इन नियमों का सख्ती से पालन होता तो अब तक अंचल की बसों में सीसीटीवी कैमरे और महिला सहायक की व्यवस्था हो जानी चाहिए थी लेकिन जिले के शिक्षा अधिकारियों का ध्यान निजी स्कूल की कमियों की तरफ कम उनकी कमियों को छुपाने की तरफ ज्यादा दिखाई पड़ रहा है ।
गड़बड़ी मिलने पर स्कूलों पर होगी कार्रवाई-
विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी कैमरे और महिला सहायक की व्यवस्था अनिवार्य की गई है जिसकी मॉनिटरिंग जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई है जिले से इस बाबद रिपोर्ट भी मांगी गई है पालकों को किसी प्रकार की समस्या होने पर सीधे जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत कर सकेंगे और शिकायत के बाद गड़बड़ी मिलने पर स्कूल पर कार्रवाई के भी निर्देश है।
नहीं मालूम कब जारी किए विभाग ने निर्देश-
स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश कब जारी किए हमें कोई जानकारी नहीं है सुरक्षा व्यवस्था के स्कूल बसों में कैमरे नहीं लगे है तो पुलिस को देखना चाहिए हमारे यहां से ऐसे कोई सर्कुलर जारी नहीं है।
– एमएस सोलंकी, जिला शिक्षा अधिकारी झाबुआ

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