झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
मुख्यमंत्री द्वारा एक ओर जहां गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब तबके लोगों के लिए कई जन कल्याणकारी योजना चलाकर इस योजना का जमकर प्रचार किया जा रहा है। मगर इसके विपरीत आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना की धज्जिया उड़ाई जा रही है। साथ ही महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन पर हो रहे अत्याचारों के लिए कई नियम कायदे लागू हैं। मगर इस आदिवासी बाहुल्य जिले ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के साथ जिम्मेदार नुमाइंदों का बर्ताव समझ से परे हैं।
मेघनगर विकासखंड के आदिम जाति सेवा सरकारी संस्था मर्यादित मांडली का मामला सामने आया है जिसके अंतर्गत आने वाली शासकीय उचित मूल्य की दुकान तोरनिया (ढेबर)में पदस्थ सेल्समैन शंकरलाल गौमत सिंह मेरावत द्वारा आदिवासी महिलाओं से अभद्र व्यवहार कर उनको अपशब्द कहे जा रहे है जबकि आदिवासी महिलाएंअपने हक का राशन लेने के लिए इन दुकानों की दहलीज पर जाती है। मगर उन्हें किस तरह से सरकारी योजनाओं के लाभ को प्राप्त करने के लिए किस तरह के अपशब्द कहकर जलील किया जा रहा है। इतना ही नहीं शासन की योजना के तहत दिया जाने वाला अनाज जिसका मूल्य 1 रुपये किलो है उसका मूल्य कई गुना ज्यादा महिलाओ से वसूला जा रहा है। इस बात की सूचना मीडिया कर्मियों को ग्रामीणों ने दी तो मीडिया कर्मी वहां पहुचे और सारा मामला सामने आया। महिलाओं ने अपनी आप बीती मीडियाकर्मियों को बताई, तो सरकारी योजना के गेहूं का मूल्य तथा सेल्समैन द्वारा वसूली जा रही राशि सामने आ गई। सरकार एक और गरीब तबके बीपीएल तथा अन्त्योदय परिवार को नाम मात्र की राशि लेकर राशन उपलब्ध करवा रही है। वही दूसरी और उनसे कई गुना ज्यादा राशि लेकर सेल्समैन वारे-न्यारे हो रहे हैं। इस बारे में बताते की सेल्समैन की तनख्वाह से कई गुना ज्यादा तो गरीबों के हक पर डाका डालकर जमकर धन इकट्ठा कर रहे हैं। सरकार की कल्याणकारी योजना का फायदा भ्रष्ट सेल्समैन जमकर उठा रहे हैं। जब मीडिया कर्मियों को देखा तो सेल्समैन शंकरलाल गौमतसिंह मेरावत दुकान पर ताला लगाकर वहा से भाग खड़ा हुआ।
ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि सेल्समैन की दुकान पर जाते हैं तो वह यहकर बाहर भगा देता है कि तुमने से दुर्गंध आती है। वही एक रुपए किलो गेहूं के 10 रुपए किलो वसूल रहा है। इसके साथ ही चावल भी बाजार भाव से दे रहा है वही शकर मिले तो कई माह गुजर चुके हैं।
नहीं सुधर रहा सेल्समैन-
ग्रामीणों ने सेल्समैन के खिलाफ मुझसे शिकायत की थी। मैंने सेल्समैन को हिदायत दी, परंतु उसके व्यवहार में सुधार नहीं हो रहा है और वह ग्रामीणों से अनाज के ज्यादा रुपए वसूल रहा है।
– मनसुख डामोर, सरपंच तोरनिया
मैंने ग्रामीणों की पर्ची देखा तो उसमें 35 किलो अनाज लिखा और उन्हें सिर्फ 15 किलो देकर रवाना कर दिया। चावल-शकर नहीं दिए जा रहे हैं। सेल्समैन बाजार भाव से राशि वसूल रहा है। वही सेल्समैन ग्रामीणों से अपशब्दों में बात करता है। सेल्समैन पर जिला अधिकारियों को कार्रवाई करना चाहिए।
-रमेश हवजी डामोर, जनपद सदस्य वार्ड 3
जिम्मेदार बोल-
मामला दिखवाता हूं, दोषी पाए जाने पर सेल्समैन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– केएस गौतम, तहसीलदार मेघनगर
मामले की जांच की जाएगी, प्रतिवेदन संबंधित अधिकारी को प्रस्तुत कर कार्रवाई की जाएगी।
-एसएस गामड़, खाद्य अधिकारी