सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगाया सिलिकोसिस शिविर

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झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
मेघनगर विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कचलदरा में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जिला न्यायाधीश दवेदत्त के द्वारा गोधरा (गुजरात) हिन्दुस्तान लिमिटेड, धरतीधन में मजदूरी करने गए गरीब आदिवासी मजदूर जिन्हें वहां पत्थर पीसने का कार्य करने के कारण उन्हें सिलीकोसिस जैसी गंभीर बीमारी हो गई थी जिससे कई मजदूरों की मौत हो गई और कई मजदूर अभी भी इस लाइलाज बीमारी से जूझ रहे है। गुजरात सरकार द्वारा पीडि़त मजदूरों को 3-3 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की थी, जिससे पीडि़त मजदूरों को 1 लाख नकद एवं 2 लाख रुपए की एफडी गुजरात सरकार द्वारा की गई थी, सीलिकोसिस पीडि़त मजदूरों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई गयी थी जो पीडि़तों के पक्ष में फैसला सुनाया गया। इस शिविर में श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, जनपद पंचायत मेंघनगर के अधिकारी उपस्थित थे, जिन्होंने सभी पीडि़तों से मुलाकात कर उनसे रूबरू हुए। पीडि़त मजदूरों को कपिलधारा कुओं, पेंशन, डीजल पंप, बैलजोड़ी, प्रधानमंत्री आवास, ग्रामीण आवासीय परियोजना से पशु पालन हेतु 60 हजार रूपये दिए गए एवं शेष को शीघ्र ही सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा। इस शिविर में 3 पंचायतों के मजदूर उपस्थित थे जिसमें चोखवाड़ा, चारेल, कचलदरा। कई पीडि़त तो ऐसे भी पाए गए, जो उक्त लाभ से अभी तक वंचित है। शिविर में पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया, तहसीलदार केएस गौतम, अनुविभागीय अधिकारी, डॉ. विक्रम वर्मा, पूर्व जनपद सीईओ यादव एवं वर्तमान सीईओ परमार मौजूद थे।

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