सांसद भूरिया ने लोकसभा में उठाया मप्र के 14 लाख 27 हजार 490 किसानों को मुआवजा नहीं मिलने का प्रश्न

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झाबुआ लाइव डेस्क।
मंगलवार को लोकसभा प्रश्नकाल के दौरान तांतरिकत प्रश्न नंबर 85 के संबंध में सांसद कांतिलाल भूरिया ने अपना व्यतव्य जारी करते हुए बताया कि किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योना से बहुत ही उम्मीदें थी, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि, तूफान आदि से उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में बड़ी मात्रा में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है जिसके परिणामस्वरूप कई किसानों द्वारा आत्महत्या कर ली गई। ऐसे में किसान काफी उम्मीदों से नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की ओर देख रहा था, लेकिन उसकी गहराइयों में जाने पर पता चला िक योजना सिर्फ बीमा कंपनियों के लिए बहुत फायदेमंद है और किसानों के लिए मात्र एक झुनझुना ही साबित हुई। सांसद कांतिलाल भूरिया ने इस दौरान कहा कि वर्ष 2015 में बीमा कंपनियों द्वारा 1500 करोड़ रुपए प्रीमियम के रूप में किसानों से कमाई की और केंद्र और राज्यों की ओर से 5500 करोड़ सब्सिडी के रूप में मिले। इस तरह 7 हजार करोड़ रुपए बीमा कंपनियों को प्राप्त हुए। सांसद भूरिया आगे बताते हुए कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि फसल बीमा योजना के प्रति किसानों की अरुचि की वजह से फसल खराब होने के बाद बीमा प्राप्त करने हेतु दावा करने की प्रक्रिया जटिल और दोषपूर्ण है और नई फसल योजना पहले से चली आ रही राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना की रि-पेकेजिंग के अलावा कुछ भी नहीं है। वहीं सांसद भूरिया ने कहा कि फसल बीमा योजना वर्ष 2015-16 के तहत मध्यप्रदेश में जोतों की कुल संख्या 88.72 लाख थी तथा किसानों की कुल संख्या खरीफ 2015 में 29.59 लाख थी तथा रबी 2015-16 के दौरान किसानों की कुल संख्या 19.66 लाख थी जो कि रबी 2015-16 के दौरान परिवारों की संख्या के संबंध में फसल बीमा के तहत कवर किसानों का मात्र 22.16 ही होता है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत लाभान्वित किसानों की संख्या मध्यप्रदेश में 97 लाख 31 हजार 413 है। कांतिलाल भूरिया ने आगे बताया कि विभिन्न फसल बीमा योजनाओं के तहत वर्ष 2014-15 के दौरान मप्र के 57 लाख 63 हजार 376 किसानों को कवर किया गया था तथा 43 लाख 35 हजार 886 किसान इस योजना से लाभान्वित हुए जबकि 14 लाख 27 हजार 490 किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला जिससे की उनकी आर्थिक स्थिति अत्यन्त दयनीय है, जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला है उनके दावों को शीघ्र ही निपटाने हेतु सरकार की प्राथमिकता देनी होगी। अन्यथा वह भविष्य में अपनी फसलों को बोने हेतु बीज, खाद एवं अन्य सामग्री नहीं जुटा पाएंगे। सांसद कांतिलाल भूरिया ने इस दौरान कहा कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण हेतु बिलकुल भी सजग नहीं है और उनकी मांग है कि शीघ्र ही मध्यप्रदेश के किसानों को उनकी फसल का मुआवजा दिया जाए।

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