सहकारिता से अपने जीवन को मजबूत बनाए और नई ऊंचाइयां छूए : सीसीबी चेयरमैन वसुनिया

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झाबुआ। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, प्रधान कार्यालय झाबुआ में 63वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह का उद्घाटन समारोह सोमवार को दोपहर साढ़े 12 बजे आयोजित हुआ, जिसमें सहकारिता का सतरंगा ध्वज बैंक अध्यक्ष गौरसिंह वसुनिया द्वारा फहराने के साथ ही सहकारी गीत ‘सहकारी सतरंगा प्यारा’ का गान उपस्थितजनों ने किया। इस दौरान सरस्वती देवी के चित्र पर दीप प्रज्जवलन कर पूजन-अर्चन उपस्थित अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यशाला में अतिथियों द्वारा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के जरिए सहाकारिता के सशक्तिकरण विषय पर कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त किए गए। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार, जिला सलाहकार मंडल के अध्यक्ष यशवंत भंडारी, वैभव लक्ष्मी नागरिक बैंक की अध्यक्ष कल्पना भूरिया उपस्थित थी। अध्यक्षता सीसीबी अध्यक्ष गौरसिंह वसुनिया ने की। अतिथियों एवं बैंक के संचालकों का स्वागत विभिन्न साख सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष एवं बैंक के अधिकारी-कर्मचारियों ने किया। स्वागत भाशण बैंक महाप्रबंधक विजयसिंह कुर्मी ने देते हुए सप्ताहभर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। साथ ही सहकारी सतरंगी ध्वज का महत्व बताया। इस दौरान ‘सहाकर बिना नहीं उद्धार’ के नारे लगाए गए। कार्यशाला को संबोधित करते हुए वैभव लक्ष्मी नागरिक बैंक की अध्यक्ष भूरिया ने सभी को सहकारिता सप्ताह की शुभकामनाएं देते हुए सहकारिता को निरंतर आगे बढ़़ाने एवं समय-समय पर सहयोग करने की बात कहीं।
सहकारिता से सहभागिता की भावना पैदा होती है-
सलाहकार मंडल अध्यक्ष भंडारी ने सहकारिता का अर्थ बताते हुए कहा कि यह विभिन्न संस्थाओं एवं लोगों का बनाया हुआ एक समूह है, जो सहकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि सहकारिता की स्थापना इंग्लैंड में सर्वप्रथम बुनकरों द्वारा की गई थी। आप सभी कार्पोरेटरों का सहयोग ही सहकारिता का आधार स्तंभ है। सहकारिता से सह अस्तित्वता की भावना जागृत होती है। भंडारी ने सहकारिता के क्षेत्र में सभी को मिलकर कार्य करने का आव्हान किया। साथ ही आपने कहा कि सहकारी आंदोलन राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति का साधन बनने से अनेक विसंगतियों के जाल में फंस गया है। जिसके कारण सहकारिता जो मूल तत्व था, वह धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। धीरे-धीरे दलीय राजनीति हावी हो रहीं है, हमे इस बुराई से बचकर राजनीति से परे होकर सहकारिता आंदोलन को उसके भावना अनुरूप बढ़ाना होगा।
शासन ने ब्याज दरे घटाई-
मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार ने कहा कि सहकारिता अलग-अलग बनाई गई समितियों का एक समूह है। इसे ओर विस्तृत करने के लिए ओर अधिक से अधिक समितियां बनाने की बात उन्होंने उपस्थिों से की। भावसार ने बताया कि शासन ने सहकारिता के क्षेत्र में किसानों को ब्याज दर शून्य प्रतिशत करके काफी राहत देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सहकार बिना उद्धार संभव नहीं है। दौलत भावसार ने कहा कि अच्छा सहकारी नेता आगे चलकर समाज एवं देश का नेतृत्व भी कर सकता है। स्व. दिलीपसिंह भूरिया, स्व. सुभाष यादव एवं सांसद कांतिलाल भूरिया इसके प्रत्यक्ष प्रमाण है।
नि:स्वार्थ भाव से सेवा कार्य करे
सीसीबी अध्यक्ष वसुनिया ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से आप अपने जीवन को मजबूत एवं सुदृढ़ बना सकते है एवं निरंतर ऊंचाइयों को छू सकते है। आपने उपस्थित सहकारी के प्रतिनिधियों से आव्हान किया कि वे सहकारिता से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति की नि:स्वार्थ भाव से सेवा करे। आज प्रदेश एवं केंद्र सरकार सहकारिता के माध्यम से किसानों और गरीब तबके के लोगों कई योजनाओं के माध्यम से लाभ प्रदान कर रहीं है। हर पात्र हितग्राही को उसका लाभ मिले, ऐसे प्रयास हम सभी को सहकारिता के माध्यम से करना होंगे। कार्यक्रम का संचालन बैंक के मनीष बैरागी एवं जिला संघ के प्रशिक्षक केके मालवीय द्वारा किया गया एवं अंत में आभार सीसीसी बैंक के राजेश राठौर ने माना। इस अवसर पर बैंक के संचालक, विभिन्न सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि के साथ ग्रामीण किसान एवं बैंक के अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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