सन् 1865 में बना तहसील भवन देख-रेख के अभाव में हुआ जर्जर, ड्यूटी के दौरान कर्मचारी कभी भी हो सकते हैं दुर्घटना के शिकार

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हरीश राठौड़, पेटलावद
सन् 1865 में बना तहसील भवन जर्जर हालत में पहुंच चुका है। उचित रखरखाव के अभाव में यह इस भवन की दीवारों में दरार आने लगी है जिसके चलते यहां काम करने वाले कर्मचारियों के मन में भी भय बना हुआ है कि किसी दिन वे किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार ड्यूटी के दौरान न हो जाए। भवन के कवेलू टूटने लगे है, तडि़त चालक का स्तंभ भी अब टूट चुका है जिसे कुछ रख रखाव की आवश्यकता है जिसके लिए कर्मचारियों द्वारा मांग भी की जा रही है वैसे तो यह भवन बहुत ही मजबूत है किंतु कुछ कमियों के कारण अब इसकी मजबूती नहीं रही। जिसके लिए इसके रख रखाव व रिपेयरिंग की आवश्यकता है। इस समय बारिश का मौसम है अधिक बारिश होने पर भवन का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त भी हो सकता है। भवन की जर्जर स्थिति का एसडीएम एसडीएम हर्षल पंचोली ने जायजा लिया है और वे इसके सुधार के प्रयास कर रहे हैं।

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