संस्था प्रबंधन की मनमानी से अनाज वितरण प्रणाली का स्थान बदला
झाबुआ लाइव के लिए झकनावदा से जितेंद्र राठौड़ की रिपोर्ट-
उचित मूल्य की दुकान पर संस्था प्रबंधक अपनी मनमानी पर अड़े हुए हैं। ऐसा ही प्रतीत होता है। मामला झकनावदा में खाद्यान्न की दुकान का है जहां पर सार्वजनिक अनाज वितरण प्रणाली का कार्य उचित मूल्य की दुकान पर न होकर किसी अन्य स्थान पर किया जा रहा है, जो कि नियमों को ताक पर रख कर किया जा रहा है। शासकीय उचित मूल्य की दुकान वर्षों से सहकारी संस्था पर चल रही थी, लेकिन जब से नए संस्था प्रबंधक आये हैं वे अपनी मनमानी पर अड़े हुए हैं ये जब चाहे जहां चाहे खाद्यान्न वितरण करवाते हैं कारण साफ हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि हर किसान को योजना का लाभ मिले परंतु यहां पर संस्था प्रबंधक खाद्यान्न की कालाबाजारी में संलग्न हैं ऐसा प्रतीत होता है।
परमिशन के बिना नहीं हो सकता है – झकनावदा शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर करिब 30 गांव के लोगों को अनाज वितरण का कार्य किया जाता है और सभी ग्रामीण जन अनाज प्राप्ति हेतु सहकारी संस्था पर आते हैं और वहां कोई स्थान परिवर्तन संबंधी जानकारी नहीं मिलने के कारण या तो उन्हें इधर उधर भटकना पड़ता है या खाली हाथ लौटना पड़़़ता है, संस्था प्रबंधक ने अपनी मनमानी से दुकान का स्थान परिवर्तित कर दिया है जबकि उनके पास इस संबंध में कोई लिखित आदेश नहीं है स्थान परिवर्तन करने के लिए एसडीएम, जिला खाद्य अधिकारी एक रिपोर्ट कलेक्टर को भेजते हैं उसके बाद ही परिस्थितियों को देखते हुए कलेक्टर द्वारा स्थान परिवर्तन का निर्णय लिया जाता है। लेकिन लगता है कि झकनावदा के संस्था प्रबंधक सभी नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमानी कर रहेे हैंै। जो कि नियमों के विरूद्ध है। संस्था में जब हमने इस संबंध में चर्चा की तो संस्था के अधिकारियों का कहना है कि समर्थन मूल्य पर गेहुं तुलने के कारण हमने खाद्यान्न वितरण की दुकान का स्थान अन्य जगह पर परिवर्तित किया है। अब यह सवाल उठता है कि शासकीय संस्था को परिवर्तित करने का अधिकार संस्था प्रबंधक को किसने दिया।
नहीं लगा नोटिस बोर्ड व स्टॉक का बोर्ड –
झकनावदा उचित मूल्य की दुकान का जो स्थान परिवर्तन किया गया है वहां साफ तौर पर कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन दिख रहा है। क्योंकि जिला कलेक्टर द्वारा सभी खाद्यान्न वितरण करने वाली संस्थाओं को अनाज के स्टॉक का बोर्ड लगाने के निर्देश दिए थे। परंतु झकनावदा की संस्था पर न तो ऐसा कोई बोर्ड लगा है ना ही यहां कोई खाद्यान्न लेने आये ग्रामीणों के लिये पानी व छांव की व्यवस्था है। जबकि सहकारी संस्था पर तमाम व्यवस्था होने के बाद भी किसे फायदा पहुंचाने के लिए स्थान परिवर्तन किया गया है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार –
समर्थन मूल्य पर गेहूं तुलने के कारण हमने स्थान परिवर्तन किया है।-कमलेश ओझा, संस्था प्रबंधक आजा सेवा सहकारी समिति
ग्रामीणों का कहना है –
मैं आज खाद्यान लेने शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर गया था लेकिन वहां कोई नहीें होने के कारण दो घंटे तक भटकने के बाद पता चला कि उचित मूल्य की दुकान का स्थान परिवर्तन कर पंचायत के पास कर दिया गया है। -मुकेश भाभर, ग्रामीण