शोचालयों की गड़बडिय़ों को दबाने के लिए जनपद ने की रस्म अदायगी
झाबुआ लाइव के लिए झाबुआ से मुकेश परमार की रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा स्वच्छता अभियान चलाते हुए प्रत्येक गांव एंव प्रत्येक घर मे शोचालय होना अनिवार्य करते हुए योजना लागू की है, किन्तु पेटलावद जनपद पंचायत के द्वारा शोचालयो के नाम पर जितनी गड़बडिय़ां की जा रही है यदि इसकी निष्पक्षता से जंाच करवाई जाए तो स्वंय प्रधानमंत्री आश्चर्यचकित हो सकते हैं। स्थानीय मीडिया के द्वारा पेटलावद जनपद के अंतर्गत शोचालयों की गड़बडिय़ों को प्रमुखता से उठाया जा रहा है। किन्तु पेटलावद जनपद के कर्मचारियों से लेकर जिले स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों तक के द्वारा इन गड़बडिय़ों पर पर्दा डालने का पूरा प्रयास किया जा रहा है, जिसका उदाहरण शनिवार को देखने को मिला।
गड़बडिय़ों को दबाने के लिए कार्यक्रम आयोजित –
शनिवार को जनपद पंचायत के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों को खुले में शोच से मुक्त करने का प्रयास का एक संयुक्त सम्मेलन जनपद पंचायत के प्रागण मे आयोजित किया था। किन्तु यह कार्यक्रम अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। और साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों की पोल खुल कर सामने आ गई।।
यह दिखी अव्यवस्था
कलेक्टर अरूणा गुप्ता एवं जिला पंचायत सीईओ अनुराग चौधरी व प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में मुख्य रूप से तड़वी, पटेल, सरंपच, सचिव एवं जनप्रतिनिधि समेत पत्रकारों को आमंत्रित करना था, लेकिन जिम्मेदारों ने बैनर लगाकर ही अपने कार्य की इतिश्री कर ली। जनपद पंचायत सीईओ वीरेन्द्रसिंह रावत, तडवी-पटेल तो ठीक स्थानीय मीडिया को भी सूचित करने मे नाकाम रहे जिसके विरोध में स्थानीयमी डिया के द्वारा इस कार्यक्रम का विरोध भी कर दिया गया।
महिलाओ को कर रहे पीछे
तहसील से लेकर दिल्ली की कैबिनेट महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में आरक्षण देने की कवायद चल रही है किन्तु प्रशासनीक अधिकारी इस योजना को पलीता लगाने में जुटे हुए है पेटलावद जनपद में लगभग 30 प्रतिशत से अधिक महिला संरपच है यहा तक पेटलावद जनपद की अध्यक्ष भी महिला है किन्तु शनिवार को आयोजित जनपद के इस कार्यक्रम नाममात्र की चुनी हुई महिला जनप्रतिनिधि देखने को मिली बाकी उनकी सीटों पर उनके पति ही विराजित थे यहां तक स्वंय जिला पंचायत सीईओ के पास जनपद अध्यक्ष की अपेक्षा उनके पति बैठे हुए दिखाई दिए लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि के कार्यक्रम में अनुपस्थित को हल्के में लेकर कार्यक्रम समाप्त करवा लिया।
पानी- छांव को तरसे उपस्थित लोग
लगभग दो घंटे चले इस कार्यक्रम में जनपद द्वारा भरी धूप और गरमी और प्रशासनिक अधिकारियों के बैठने के लिए पंडाल लगाया किन्तु दुरुस्थ गांव से आए जनप्रतिनिधि और सचिव धूप में बैठे रहे यहां तक की पूरे कार्यक्रम में पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई।
क्यों रखा मीडिया को दूर?
शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कई ग्रामीणों के द्वारा शोचालयो के अधूरे निर्माण और निर्माण की लागत राशि नहीं मिलने की शिकायत कलेक्टर एंव जिला पंचायत सीईओ को की किन्तु प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की बातों को अनसुना किया गया और इस प्रकार शोचालयों में गड़बडिय़ों के मुद्दे स्थानीय मीडिया के लगातार उठाये जा रहे हैं और आज जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को नगर के मीडिया कर्मियों को इन मुद्दों का जवाब देना था जिससे बचने के लिए कार्यक्रम के आयोजकों के द्वारा स्थानीय मीडिया को इस कार्यक्रम से दूर रखा गया।