शासन की योजनाओं का धरातला पर नहीं हो रहा अमल, 2 माह से ग्राम पंचायत काकरादरा में है ब्लैकआउट, रहवासी परेशान

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भूपेंद्रसिंह नायक, पिटोल
 यूं तो चुनावी साल में सरकार एवं प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ग्रामीण अंचलों में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और विकास के नाम पर जोर-शोर से ढिंढोरा पीट रहे हैं एवं मुख्यमंत्री झाबुआ में जन आशीर्वाद यात्रा में यह कह गए कि मेरे कोई भी आदिवासी ग्रामीण अंधेरे में नहीं रहेगा सबके घर बिजली के बिल माफ 200 रुपए प्रतिमाह आएगा चाहे जितनी बिजली का उपयोग करो। इसके विपरीत विद्युत विभाग की लापरवाही कहे या पिटोल से 6 किमी दूर ग्राम पंचायत काकरादराखुर्द के ग्रामीणों के छल किया गया जिसके बाद गांव के 200 घरों के बाशिंदे अंधेरे में रहने को मजबूर है। कम वॉल्टेज और बार बार फाल्ट होने के कारण ग्रामीणों ने बिजली विभाग से दर्जनों बार आवेदन देकर अपनी परेशानियों से अवगत करवा चुके हैं, लेकिन ग्राम पंचायत की विद्युत व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुआ बल्कि बिजली विभाग के कर्मचरियों दोनों गांव के ट्रांसफार्मर झाबुआ ले गए परंतु 2 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक वापस गांव में नहीं लगाएं जिससे दोनों गांव के लोग रात्रि में अंधेरे में डूबे हुए हैं।
स्वयं के खर्चे पर उतरवाकर पहुंचा-
ट्रांसफार्मर जब बिजली विभाग द्वारा ट्रांसफर को स्वयं अपने वाहनों से उतरवाकर झाबुआ ले जाना था परंतु विभाग द्वारा हाथ खड़े कर दिए तब दोनों गांव के ग्रामीणों ने आपस में चंदा करके ट्रांसफर उतरवाने वाली चेन कुप्पी को किराए मंगाकर एवं खुद वाहन किराए करके दोनों ट्रांसफर को झाबुआ पहुंचाया परंतु झाबुआ ट्रांसफर में ले जाने के 2 माह बाद भी वापस सुधरे पर गांव काकरादरा वापस नहीं पहुंचे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। अब ग्रामीण प्रतिदिन झाबुआ बिजली ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। वहीं हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी विभाग के अधिकारी इस जटिल समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं बार बार ग्रामीण ऑफिस के चक्कर काट कर अब थक चुके हैं। शायद बिजली विभाग के कर्मचारियों को ग्रामीणों से आशा है कि हमें कुछ आर्थिक सद्भावना हो जाए उसके बाद वे ट्रांसफार्मर लगा दे।
पीडि़त बोल-
मैं प्रतिदिन बिजली विभाग के ऑफिस में जाकर अधिकारियों से निवेदन करता हूं और कोई भी अधिकारी ढंग से संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं देता।
– तानसिंह वसुनिया सरपंच काकरादरा खुर्द

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