शहीद भगवानसिंह की शहादत को भूले अधिकारी-जनप्रतिनिधि, माटी के सपूत के उपेक्षा से परिजन-शुभचितंकों में रोष

0

हरीश राठौड़, पेटलावद
ग्राम तारखेड़ी के शहीद भगवान सिंह मिड़किया के शहादत के अवसर पर उनकी जन्मी स्थली को अधिकारी, जनप्रतिनिधि कोई नहीं जाते है जिस दिन चंद्रशेखर आजाद का जन्म हुआ था। उसी दिन 23 जुलाई 2004 में भगवान सिंह ने बार्डर पर लड़ते हुए अपनी जान गंवाई थी किंतु उनकी शहादत को भुला दिया गया। 23 जुलाई को उनकी जन्म स्थली तारखेड़ी पर न तो कोई जनप्रतिनिधि पहुंचा न ही कोई अधिकारी, जन अभियान परिषद के चार लोगों और उनके दोस्तों ने ही मिलकर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस प्रकार उनके शहादत का अपमान भी किया गया। वहीं उनके परिवार के साथ भी आज तक प्रशासन द्वारा कोई अच्छा व्यवहार नहीं किया गया न ही कोई सहायता प्रदान की गई। आज भी उनका भाई कांटीजेंसी में चपरासी की नौकरी पर लगा हुआ है और उनके पिता तारखेड़ी में हनुमान मंदिर के बाहर नारियल बेचने को मजबूर है। भगवान सिंह के बलिदान के बाद उनके परिवार को जो सहायता मिलनी थी वह पूरी तरह से नहीं मिल पाई और जो मिली है वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उनके पिता व्यथित मन से कहते है कि मेरा बेटा तो शहीद हो गया किंतु उसके शहादत की कीमत इस देश के नेता या अधिकारी नहीं समझ पाए है। केवल साल में दो बार 15 अगस्त और 26 जनवरी पर माला पहना देने से क्या होता है। हमारे परिवार की स्थिति को देखे और उसमें सुधार करे ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.