शहीद के भाई को दी अस्थाई नौकरी सरकार ने छीनी , परिवार मायूस

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झाबुआ लाइव के लिऐ ” पेटलावद ” से हरीश राठौड

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शहीद के भाई को नोकरी से निकाला ,

अब भटकने को है विवश !

पेटलावद।

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वतन पर मर मिटने वाले शहीद के भाई को दी गई वाटरमैन की नोकरी करीब 8 वर्ष के बाद  एक सरकारी आदेश में जाँच के नाम पर छीन ली गई है। यही नहीं पिछले 7 माह से उसे वेतन भी नहीं दिया गया है। सरकरी गड़बड़झाले में परेशान होते शहीद परिवार की यह कहानी पेटलावद के तारखेड़ी ग्राम की है।

2004 में हुआ था शहीद

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त्रिपुरा स्टेट के पैरामिलिट्री फ़ोर्स राइफल्स में कार्यरत भगवानसिंह मिंडकिया 23 जुलाई 2004 को दुश्मनो की गोलीबारी का शिकार हो गये थे।

इसके बाद शहीद के लिये सरकार ने नाममात्र की राशि और मामूली पेंशन देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। वर्तमान में ग्राम के चोराहे पर लगी शहीद की प्रतिमा यह याद दिलाती है यह शहीद का गांव है ,लेकिन गांव में निवासरत माता पिता की परेशानी किसी को नहीं दिखाई देती।

2007 में मिली थी अस्थाई नोकरी

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शहीद के पिता की मांग पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए विधायक , केंद्र सरकार के मंत्री ने पत्राचार कर शहीद के परिजन को अनुकम्पा नियुक्ति देने की सिफारिश की थी। जिसके बाद शहीद के भाई ईश्वरलाल मिंडकिया को कलेक्टर दर पर वाटरमैन के पद पर नियुक्ति 2007 में दी थी। इतने वर्षो के बाद  तत्कालीन खंड शिक्षाअधिकारी के समय की गई नियुक्ति की जाँच को प्रचलन में होने के नाम पर नोटिस थामते हुए उससे कार्य नहीं लेने के आदेश दिए गये है। हैरत की बात तो यह भी है की करीब 7 माह से उसे वेतन भी नहीं मिला है।

मामले की जानकारी नहीं

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पेटलावद क्षेत्र में कर्मचरियों को क्यों निकाला है मेरी जानकारी में नहीं है ,वेसे भी में यहाँ प्रभारी हूँ

दयाराम सोलंकी _प्रभारी बीईओ पेटलावद

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