विश्व क्षय दिवस पर जिला टीबी फोरम ने निकाली विशाल रैली

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24 मार्च विश्व क्षय दिवस के उपलक्ष में शुक्रवार को सुबह साढ़े 8 बजे स्थानीय दिलीप क्लब प्रांगण से सीबीसीआई कार्ड संस्था एवं जिला टीबी फोरम द्वारा विशाल रैली का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी, आयोजक संस्थाओं के पदाधिकारी, चिकित्सक एवं योग में देशभर में ख्याति प्राप्त करने वाले स्कूली बच्चे अपने हाथों ने टीबी संबंधी नारो से लिखी तख्तीयां लेकर जमकर नारेबाजी करते हुए चले। यह रैली शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए राजवाड़ा चौक पर पहुंची। जहां सर्वसमाज की वृहद सभा का आयोजन हुआ। जिसमें सभी समाज के प्रमुखों ने टीबी को देश से मिटाने के लिए अपने-अपने विचार व्यक्त करने के बाद सभी को संकल्प दिलवाया। राजवाड़ा चौक पर मानव श्रृंखला भी बनाई गई। सर्वप्रथम दिलीप क्लब प्रांगण से एक विशाल रैली का आयोजन किया गया। जिसको यहां हरी झंडी कैथोलिक डायोसिस झाबुआ के बिशप बसील भूरिया, युवा चिकित्सक डॉ. विक्रांत भूरिया, विनोद जायसवाल, जिला टीबी फोरम के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एलएस राठौर, जय भीम जागृति समिति के एमएल फुलपगारे आदि द्वारा दिखाई गई। रैली में सबसे आगे ऑटो रिक्शा पर टीबी पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा तैयार की गई क्लिीपिंग सुनाई गई, जिसमें वह बता रहे है कि दो सप्ताह से अधिक समय खांसी होने पर अपने खंखार की जांच आवश्यक रूप से समीपस्थ स्वास्थ्य केंद्रों या दवाखानों पर करवाएं एवं इसको साधारण तरीके से न ले। इसके पीछे शासकीय हाईस्कूल तलावली के योग में पूरे देश में अपना लोहा मनवाले वाले होनहार छात्र-छात्राएं अपने हाथों में 24 मार्च विश्व क्षय दिवस का बेनर लेकर चल रहीं थे, तो इसके पीछे सैकड़ों की संख्या प्रशिक्षित एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं नर्सेस अपने हाथों में टीबी मुक्ति की अनेक नारों की तख्तीयां लेकर ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ के नारे लगाते हुए चली। सबसे पीछे रोटरी ग्रामीण सेवा प्रकल्प के युवा पदाधिकारियों द्वारा शहरवासियों को टीबी की जानकारी संबंधी लिखे पेंपलेट्स एवं विभिन्न पर्चे वितरित किए गए। यह रैली शहर के जिला चिकित्सालय मार्ग, बस स्टैंड, फव्वारा चौक, मेन बाजार, थांदला गेट, बाबेल चौराहा, आजाद चौक, नेहरू मार्ग होते हुए राजवाड़ा चौक पहुंची। यहां उपस्थित सभीजनों द्वारा विशाल मानव श्रृंखला बनाई गई।
सर्व समाज की सभा हुई
यहां सर्व समाज की सभा का आयोजन हुआ। जिसमें अतिथि के रूप में इसाई समुदाय से कैथोलिक डायोसिस झाबुआ के बिशप बशील भूरिया, बोहरा समाज से नुरूद्दीनभाई बोहरा, मुस्लिम समाज से सदर मुर्तजा खान, भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार, जय भीम जागृति समिति एवं रोटरी क्लब से एमएल फुलपगारे, रोटरी क्लब आजाद से डॉ. अरविन्द दातला, आदिवासी शिक्षण सेवा समिति से बेनेडिक्ट डामोर उपस्थित थे। प्रारंभ में सभी अतिथियों द्वारा एक-दूसरे को टीबी सिंबोल का बेंच लगाया गया।
उत्कृष्ट कार्य करने पर हुआ सम्मान
पश्चात विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों का भी सम्मान किया गया। इसमें झाबुआ में मदर टेरेसा आश्रम का वर्षों से सफलतापूर्वक संचालन कर रहीं सिस्टर्स कलारिता, नव जीवन ज्योति नवापाड़ा की सिस्टर्स निर्मला, शहर में सामाजिक कार्य में अग्रणी रहने वाले सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर, टीबी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे युवा चिकित्सक डॉ. जगदीश खतेडिय़ा एवं डॉ. किशोर नायक का सम्मान स्मृति चिन्ह भेंटकर अतिथियों द्वारा किया गया। इसके साथ ही जिला टीबी फोरम को राष्ट्रीय स्तर पर टीबी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर अवार्ड प्राप्त होने पर जिला टीबी फोरम के अध्यक्ष डॉ. राठौर, सचिव वर्मा के साथ बेनेडिक्ट डामोर, कमता मेड़ा, अरूण डामोर, दौलत गोलानी, रवि बारिया, मंजु वर्मा, गीता मेड़ा आदि का विशेष सम्मान किया गया।
विश्व में प्रतिवर्ष टीबी से 17 लाख लोगों की होती है मृत्यु
सर्व समाज सभा को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम जिला टीबी फोरम के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राठौर ने सीबीसीआई कार्ड संस्था एवं जिला टीबी फोरम के कार्यों की जानकारी दी एवं बताया कि टीबी एक खतरनाक बीमारी है। उन्होंने चौंकाने वाली जानकारी देते हुए बताया कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री रहे पं. जवाहरलाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू की मृत्यु भी टीबी बीमारी से ग्रसित होने से हुई थी। इसके साथ ही वजीरे आलम की मृत्यु भी इस बीमारी से ग्रसित होने पर हुई। उन्होंने कहा कि टीबी अमीरी, गरीबी एवं जाति नहीं देखती है, यह बिमारी किसी को भी हो सकती है एवं चौंकाने वाले आंकड़े बताए कि विश्व में टीबी से प्रतिवर्ष 17 लाख लोगों की मृत्यु होती है। आज इस क्षेत्र में जनजागृति का काफी अभाव है, इसलिए उन्होंने सलाह दी कि दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होने पर आप आवश्यक रूप से खंखार की जांच समीपस्थ स्वास्थ्य केंद्रों या दवाखानों पर जाकर करवाएं।
पलायन करने वाले मजदूर होते है इस बीमारी का अधिक शिकार
कैथोलिक डायोसिस झाबुआ के बिशप बशील भूरिया ने बताया कि यह बिमारी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में इस जिले से ग्रामीण महिला-पुरूष, युवा एवं बच्चें मजदूरी के लिए गुजरात एवं राजस्थान के शहरों में जाते है और वहां सीमेंट, पत्थर एवं अन्य जहरीली फैक्ट्रियों में कार्य करने के बाद टीबी जैसी भयावह बिमारी का शिकार हो जाते है, इस बिमारी से ग्रसित कई ग्रामीण असमय काल के ग्रास में भी समां चुके है। उन्होंने सामूहिक आव्हान करते हुए कहा कि हम सभी को मिलकर इस बीमारी से लडऩा होगा एवं धूम्रपान से भी परहेज करना होगा। साथ ही उक्त आयोजन के लिए सीबीसीआई कार्ड संस्था एवं जिला टीबी फोरम को बधाई दी एवं हर संभव मद्द करने की बात कहीं।

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