विधि दिवस पर ग्रामीणो को कानून की जानकारी

May

झाबुआ लाइव के लिए थान्दला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट।

1 जिला एवं सत्र न्यायाधीश, झाबुआ बीसी मलैया के मार्गदर्शन मे थांदला मे न्यायाधीश महेन्द्रसिंह रावत की अध्यक्षता में विधि दिवस 9 नवंबर को आयोजन किया गया। बार एसोसिएशन, थांदला के अध्यक्ष अरूण गादिया एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में विधिक पहलुओं पर विस्तृत व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीण जन,महिलाएं व बच्चे मोजूद थे। इस दोरान महेन्द्रसिंह रावत ने बताया कि विधि एवं भारतीय संविधान के उद्देश्य के संबंध में जानकारी देते हुए नागरिको के मूल अधिकार, कर्तव्य एवं विधिक जागरूकता के संबंध में बताया। बच्चे जब कोई खेल खेलते हैं तो अपने नियम खुद बनाते हैं, ताकि ठीक प्रकार से खेल खेला जा सके। इसी प्रकार देश आजाद होने के बाद सभी नागरिकों के लिए कुछ नियमों की जरूरत पड़ी, जो सब लोगो पर लागू हो, इस तरह नियमों एवं व्यवस्थाओ की रचना की गई, जिसका वह रूप संविधान कहलाया। संविधान की सारी व्यवस्थाओ से जब सभी जन भलीभांति परिचित होंगे तो ही उस अनुसार व्यवहार एवं आचरण कर पाएंगे। इसी कारण प्रतिवर्ष विधि दिवस का आयोजन किया जाता हैं ताकि जन सामान्य को देश के कानूनों की जानकारी मिलें। इसी क्रम में इस विधि दिवस का आयोजन किया जा रहा है। आम लोगों में कानूनों के पालन के लिए रूचि होना चाहिए, क्योंकि कानूनों का पालन अपराधों को रोकने में सहायक है। जो व्यक्ति कानूनों का जानकार होगा, वह कानून का पालन करेगा और कानून का उल्लंधन नहीं करके अपराधों से बचा रहेगा। विधि की अज्ञानता अक्षम्य होती है। यदि कोई बिना लायसेंस गाड़ी चलाये और पकड़ा जाए और कहे कि मुझे जानकारी नहीं थी कि लायसेंस अनिवार्य हैं, तो उसकी यह अज्ञानता कानून की नजर में अपराध हैं, जिसके लिए उसे दंड भुगतना होगा। यदि विधि की जानकारी हो तो वह व्यक्ति अपराध से बच जाता। इसी तरह की बात सारे अपराधों के लिए लागू होती है। कानून हमारी तरक्की हो बढ़ाने के लिए बना है, न कि उसे रोकने के लिए। कल्पना करें कि सब को विधि का ज्ञान हो तो स्वाभाविक रूप से अपराधों में कमी आएगी, लाखों-करोड़ों लोगों को पुलिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, सभी खुशहाल जीवन जीने लग जाएंगे। इस प्रकार यह एक नितांत आवश्यक पहलू हैं कि हम सभी को कानून की जानकारी हो।
कानून की जानकारी होने पर हमारा व्यवहार खु ही बदलने लग जाता हैं, सभ्य नागरिक बन जाते हैं और हमारी समझदारी भी इसी में हैं कि कानून का पालन किया जाए। बहुधा यह प्रश्न भी आम करते हैं कि देश में कानून ही इतने हैं कि इसकी ही हमें जानकारी नहीं हैं तो उन कानूनों में क्या-क्या हैं, इसकी जानकारी हमें कैसी होगी और इसी कारण ना समझी के कारण आम जन अपराध करता है। आमजन के उक्त प्रश्न का समाधान यह हैं कि व्यक्ति सदैव वह आचरण करें जो सत्य हो। हर कार्य एवं व्यवहार में वही आचरण अपनाया जाए जो सच्चा हों, क्योंकि झूठा और असत्य व्यवहार हमेशा अपराध का बीच बोता है।
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