राज्यमंत्री सूर्यप्रकाश मीणा ने माफीनामा लिखकर जताया खेद

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img-20161213-wa0056झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के करीबी एवं मध्यप्रदेश के उद्यानिकी राज्यमंत्री सूर्यप्रकाश मीणा के परसो होशंगाबाद में मालवा माटी के कथावाचक लोक संत पंडित कमलकिशोर नागर के ऊपर बयान के बाद आज हड़कंप मचने पर मंत्रीजी बैकफुट पर आ गए हैं। पेटलावद में चल रही पंडित नागर की भावगत कथा में उमड़े जनसैलाब ने आज पेटलावद की सड़कों पर उतरकर मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी की मांग की थी और बर्खास्त न करने पर प्रदेशभर में जनांदोलन की चेतावनी दी थी। पंडित नागरजी समर्थकों का विरोध का दबाव काम आया और मंत्रीजी शाम होते-होते बैकफुट पर आ गए और जनसंपर्क विभाग से माफीनामा जारी करवा दिया।
माफीनामे में यह कहा मंत्रीजी ने-
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रं-संस्करण और वन राज्यमंत्री सूर्यप्रकाश मीणा ने कहा कि पंडित कमलकिशोरजी नागर एक सुप्रसिद्ध कथावचक है। होशंगाबाद गुरुकुल में 11 दिसंबर को आयोजित वार्षिक उत्सव समारोह के दौरान दिए गए उद्बोधन में मंत्री मीणा द्वारा गुरुकुल के विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रसिद्ध कथावाचक पंडित कमलकिशोरजी नागर और गुरुकुल के ब्रह्मचारी एवं विद्वानों के तुलनात्मक रूप से बात कही गई थी। इसमें आशय था कि दोनों ही प्रकार के संतों का कार्य समाज को रास्ता दिखाने का है, जो समाज में ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं और अज्ञान रूपी अंधकार से इस समाज को मुक्त करने का कार्य कर रहे हैं। संस्कृति और संस्कार का शिक्षा मंदिर गुरुकुल है, यहां से शिक्षा प्राप्त करने वाले ब्रह्मचारी समाज और देश की संस्कृति एवं संस्कार की दिशा प्रदान करते हैं। मंत्रीजी मीणा ने कहा कि रविवार को होशंगाबाद में आर्य समाज के इस समारोह में इतना जनसैलाब नहीं है जितना की किसी कथा को सुनने के लिए एकत्रित होता है जबकि यह विद्वान भी कथा वाचक विद्वान की तरह समाज को सही दिशा देने का कार्य करते हैं। इस प्रकार की बातें मंत्रीजी मीणा द्वारा कही गई थी। मंत्रीजी के इस व्यक्तत्व से संत नागरजी एवं उनके भक्तों को किसी भी प्रकार की ठेंस पहुंचाना उनका उद्देश्य नहीं था, फिर भी अगर किसी बात से उन्हें दु:ख पहुंचता है तो मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा द्वारा खेद व्यक्त किया जाता है।

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