चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर
लंबे समय तक झाबुआ जिले की राजनीति करने वाली झाबुआ जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया अब झाबुआ जिले की राजनीति से जिलाबदर हो रही है सूत्र बताते है कि कांग्रेस उन्हें अलीराजपुर जिले के जोबट से टिकट देने का लगभग मन बना चुकी है ओर अगर ऐसा हो गया तो राजनीति बदलती नजर आयेगी ।
कांग्रेसी दिल्ली मे डटे ; भाजपाई ग्राम संपर्क मे जुटे
कांग्रेस हर विधानसभा चुनाव के पहले दावा तो यह करती है कि मतदान के 100 दिन पहले ही टिकट का एलान कर देगी ताकी उम्मीदवार को तैयारी ओर पार्टी के नाराज लोगो को मनाने का मोका मिल सके लेकिन जब भी चुनाव निकट आता है ऐसा हो नही पाता .. अब आलम यह है कि झाबुआ जिले के तमाम कांग्रेस उम्मीदवार लगातार दिल्ली का दोरा कर रहे है .. जाकर आश्वासन लेकर आते है ओर जब प्रतियोगी दावेदार के दिल्ली पहुंचने की खबर आती है तो फिर दिल्ली की दोड लगा देते है इधर मैदान खाली देखकर भाजपाईयो ने ग्राम संपर्क अभियान शुरु कर दिया है .. इस तरह बैटल फील्ड यानी युद्ध का मैदान सिर्फ कांग्रेस ही छोड सकती है ।
पार्टी से उलट ” पब्लिक ” ने जताया सेठिया पर भरोसा
राणापुर बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोहर सेठिया का गृह जिला है विगत सप्ताह सेठिया की अपनी पार्टी ने थोडी जल्दबाजी दिखाते हुऐ सेठिया को जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया लेकिन सेठिया के गृह नगर मे बकायदा उनके समथ॔को ने एक निंदा सभा उफ॔ सेठिया के प्रति सहानुभूति सभा आयोजित कर उनका समथ॔न किया .. इस सभा मे भीड भी उमड़ी ओर वक्ताओ ने सेठिया से सहानुभूति जताते हुऐ कहा कि वे षडयंत्र का शिकार हुऐ है । सेठिया की अपनी पार्टी ने उनके साथ जो भी किया हो लेकिन उनके अपने शहर ने उन्हें संबल दिया है जो शायद उनकी आगे की राजनीति को ऊर्जा प्रदान करेगा ।
अमित शाह की सभा सफल या असफल या ठीक ठीक !!
विगत 6 अक्टूबर को अमित शाह का झाबुआ जनजातीय सम्मेलन सफल माने या असफल या ठीक ठीक ? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब भाजपाई शायद ही दे पाये लेकिन बडा सवाल यह है कि क्या चार जिलों के विधायकों की क्या यही भीड थी ? सूत्र बताते है कि झाबुआ विधानसभा से सबसे कम भीड थी ओर थादंला से तो विधायक कलसिंह से ज्यादा भीड दिलीप कटारा लेकर आये ओर अलग ही छतरियों के समूह मे नजर आये .. अलीराजपुर विधानसभा से आई भीड ने अमित शाह की सभा ठीक ठाक करवा दी वरना मामला गया ही था ।