झाबुआ live ” political ” डेस्क ।
झाबुआ में आज सुबह ढाई घंटे तक नाटकीय ड्रामा चला । हालांकि इस ड्रामे की स्क्रिप्ट पुलिस ने रात ही में लिखा ली थी । कोतवाली परिसर मे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह पर FIR की मांग को लेकर धरने पर बैठै कांतिलाल भूरिया ओर अरुण यादव रात मे ही बिस्तर लगाकर थाना परिसर मे ही सो गये थे ओर खाना भी कार्यकर्ताओ के साथ वही खाना खाया था ।
ऐसे घटा दो घंटे का नाटकीय घटनाक्रम —
आज सुबह करीब पौने 6 बजे बडी संख्या मे पुलिस पहुंची ओर धीरे धीरे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को थाना परिसर से बाहर हटाना शुरु किया उसके बाद अरुण यादव – कांतिलाल भूरिया – जेवियर मैडा को धारा 107/16/151 मे गिरफ्तार कर लिया गया ओर थाने के चैनल गेट लगा दिए गये । करीब सवा 7 बजे पुलिस अपनी गाडी मे लेकर इन नेताओ को लेकर कलेक्टर आफिस पहुंची । इस दौरान एसडीएम थोडा लेट होकर 7.30 पर अपने आफिस पहुंचे । झाबुआ पुलिस की स्थति उस समय हास्यापद हो गयी जब तीनो आरोपी नेताओ को पुलिस एसडीएम कोर्ट ले तो गयी लेकिन उनका इस्तगासा तैयार नही था करीब 8 बजे इस्तगासा आनन फानन मे लाया गया ओर उसके बाद सुनवाई शुरु हुई । एसडीएम से तीनो नेताओ ने जेल भेजने की मांग की ओर मुचलका ना देने की बात कही इसके बाद भी एसडीएम ने सभी को छोड देने के आदेश दिए । पुलिस उसके बाद सभी को मेडीकल के लिऐ जिला अस्पताल ले गयी मगर वहां डाक्टर नही थे करीब 5 मिनट बाद कांग्रेस के लीगल सेल से जुडे लोगो ने कहा कि जब छोड दिया गया है तो मेडीकल की जरुरत नही है । उसके बाद सभी नेता सर्किट हाऊस पहुंचे ओर रणनीति बनाकर 12 बजे से फिर से प्रदर्शन का एलान कर दिया ।
घटनाक्रम से उठते सवालो का जवाब दे अफसर
इस पूरे घटनाक्रम से कुछ सवाल आम आदमी को लेकर झाबुआ live के मन मे भी उठे । उनका जवाब सामने आने की जरुरत है आम आदमी के लिए —
1)- आरोपी पहले ओर इस्तगासा बाद मे क्यो ? क्या आम आदमी के साथ भी ऐसा होता है ?
2)- क्या आम आदमी पर 107/16 ओर 151 के मामले मे सुबह 8 बजे एसडीएम ओर कलेक्टर आफिस खुल सकता है ? क्या यह vip कल्चर की बानगी नही है ?
3)- क्या 151 मे पुलिस आदमी का मेडीकल परीक्षण करवाती है ?