मेडिटेशन अर्थात मन को साफ करना, एकाग्र करना है : प्रो. गिरीश

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द्वितीय सत्र में सीखाएं गए स्वस्थ्य एवं खुषहाल रहने के गुर
झाबुआ। हमारे जीवन में दु:ख का कारण हम स्वयं है, क्योकि हमारे विचार नकरात्मक हो गए है। नकारात्मक विचार आने पर हम अच्छा फील नहीं करते है और तरह-तरह की भ्रांतियों में फंस जाते है। वहीं सकारात्मक विचार आने पर हमे सब अच्छा लगता है। जीवन आनंदमय बन जाता है।
उक्त उद्गार तीन दिवसीय जीवन उत्सव षिविर के दूसरे दिन स्वस्थ और खुशहाल रहने के तरीके बताते हुए गिनीज वल्र्ड रेकार्ड होल्डर प्रो. बीके ईव्ही गिरीश ने व्यक्त किए। षनिवार रात 7 बजे से शिविर का दूसरा सत्र आरंभ हुआ। जिसें संबोधित करते हुए प्रो. गिरीश ने कहा कि आज के समय में चौवीसों ,घंटे सदा शांत और खुश रहना संभव नहीं है। हमारा मन प्रति मिनट इधर-उधर भटकता रहता है। हमे अपने चौवीसों घंटे के जीवन जीने के तरीके को बदलना होगा, तभी स्वस्थ और खुश रह सकेंगे।
मन को अपने अनुसार चलाते है

शिविर में पहुंची कलेक्टर डॉ. गुप्ता।
शिविर में पहुंची कलेक्टर डॉ. गुप्ता।
 हेल्थ और हैप्पीनेस रहने के गुर सीखाते प्रो. गिरीश।
हेल्थ और हैप्पीनेस रहने के गुर सीखाते प्रो. गिरीश।

बीके गिरीश ने आगे कहा कि हम सदा समस्या पर काम करते है, इसलिए चिंतित हो जाते है। हमे अपनी चिंता को समाप्त करना होगा एवं मन को अपने अनुसार चलाना होगा। मेडिटेशन का मतलब होता है तो मन को साफ करना, एकाग्र करना। दिनभर की गतिवधियों एवं क्रियाओं को भूलकर एकाग्र होकर ध्यान करना मेडिटेशन है। जो व्यक्ति काम करता है, वह नौकरी करना कहलाता है। आज हम अपने आपको ही नहीं पहचानते है कि हमारे जीवन का उद्देष्य क्या है।
365 दिन करते है घर की सफाई
उन्होंने उपस्थितजनों से पूछा कि हम घर की सफाई दिन में कितनी बार करते है, उत्तर मिला दिन में दो-तीन बार, इस पर उन्होंने कहा कि हम 365 दिन घर की सफाई प्रतिदिन 2-3 बार करते है, स्नान भी एक-दो बार करते है लेकिन मन को साफ एक बार भी नहीं करते है। मन को साफ करना जरूरी है। उन्होंने रूमाल से एक उदाहरण प्रस्तुत करवाते हुए बताया कि आध्यमिकता का मतलब एक सोच है। वह विज्ञान के समान है। दूसरे दिन व्याख्यान रात्रि 9 बजे तक चले।
कलेक्टर भी पहुंची
प्रथम दिन शुुभारंभ कार्यक्रम के पश्चात् प्रथम सत्र में व्याख्यान का श्रवण करने के बाद आनंद की अनुभूति होने पर दूसरे दिन भी व्याख्यान सुनने कलेक्टर डॉ. अरूणा गुप्ता पहुंची और उन्होंने करीब एक घंटे तक षिविर में उपस्थित रहकर व्याख्यायान को श्रवण करने का लाभ लिया। तीन दिवसीय जीवन उत्सव षिविर में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन प्रजापिता ब्रह्म्ïाकुमारीज इश्वरीय विश्वविद्यालय की ब्रह्म्ïाकुमारी जयंती दीदी, ज्योति दीदी, किरण दीदी, डॉ. जीएस त्रिवेदी आदि द्वारा किया जा रहा है।
आज से राजयोग करवाया जाएगा
रविवार को सुबह 6 से 8 बजे तक प्रो. गिरीश द्वारा परिवार में बच्चों की परवरिष किस तरह की जाए, इसके बारे में विस्तार से बताया गया। ब्रह्म्ïाकुमारी ज्योति दीदी ने बताया कि जीवन उत्सव षिविर के पश्चात् 4 अप्रेल से सुबह 6 से 7 बजे संस्था के ऑफिसर्स कॉलोनी स्थित केंद्र पर राजयोग भी करवाया जाएगा, जो 7 अप्रेल तक चलेगा।

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