माही परियोजना का लाभ नहीं पहुंचा, पेयजल समस्याएं उभरी

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झाबुआ लाइव के लिए रायपुरिया से लवेश स्वर्णकार की रिपोर्ट
पेटलावद विकासखंड में जहां ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होने लगी है। वही रायपुरिया में ग्राम पंचायत रायपुरिया के सरपंच सुखराम मेड़ा और उपसरपंच लाला महेंद्र प्रतापसिंह राठौर के प्रयासों से अभी तक पेयजल सप्लाई व्यवस्था सुचारू चल रही है माही फ्लोराइड परियोजना का पानी रायपुरिया को मिलने से बीते वर्षो की तुलना अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक पेयजल सप्लाई की स्थिति संतोषजनक साबित हो रही है।
व्यवस्था में हो और सुधार-
माही फ्लोराइड परियोजना के तहत मिल रहे पानी से रायपुरिया की सप्लाय व्यवस्था आज तक की स्थिती मेपेटलावद तहसील के अन्य ग्रामों की तुलना अच्छी है यहांा के तलावपाड़ा और मुख्य बाजार क्षेत्र में सप्लाई व्यवस्था ठीक है परन्तु बस स्टैंड व इससे नीचे के इलाके में कभी कभी व्यवस्था तकनीकी कारणों से गड़बड़ा जाती है जहां आवश्यक सुधार करने की जरूरत है।
मनमानी पर उतारे अधिकारी
माही फ्लोराइड परियोजना जिले की सबसे महंगी योजना है काफी प्रयासो से इस योजना की शुरुआत हुई और इससे इलाके के ग्रामीणों को लाभ भी मिला। रायपुरिया के अन्य सारे पेयजल स्त्रोत बंद हो चुके है।अब माही परियोजना ही संजीवनी बनी हुई है परन्तु यहां माही फलोराईड परियोजना के अधिकारीयो की मनमानी के कारण आवश्यकता के अनुसार पानी नही मिल रहा है, चुकी रायपुरिया मेपिचौत्तर से ज्यादा सप्लाई की शिफ्ट है और प्रत्येक शिफ्ट में कम से कम तीन दिन में 25 मिनट सप्लाई होती है और माही के अधिकारी प्रतिदिन मात्र 2 घंटे पानी दे रहे जो कम है। रायपुरिया में सप्लाई की 75 से ज्यादा शिफ्ट होने से यहा पानी की खपत कल्याणपुरा जामली से अधिक है। लिहाजा यहा माही का पानी रोजाना 6 से 7 घंटे देने की आवश्कता है तभी भीषण गरमी में पानी की पूर्ति संभव हो सकेगी।
सार्वजनिक कुएं में सप्लाई नहीं
माही परियोजना के अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे है। वे माही का पानी टंकी में देने की बात पर अड़े है। दरअसल रायपुरिया में सप्लाई शिफ्ट ज्यादा है और गरमी के दिनों में एक समय में केवल एक ही शिफ्ट पर पेयजल सप्लाई करना संभव नहीं होगा टंकी को पहले भरने औेर उससे सप्लाई करने मे समय ज्यादा बर्बात होता है और व्यवस्था भी बिगड़ती यदि सार्वजनिक कुएं को भरकर यहां से पेयजल सप्लाई योजना चलाई जाती है तो यहा से विद्युत मोटरों के द्वारा एक समय मे दो से तीन सप्लाई शिफ्ट में पेयजल सप्लाई किया जा सकता है जिससे समय की बचत के साथ व्यवस्था भी सुचारू रूप से चलेगी।
जिम्मेदार की सुनो-
पंचायत के सारे जल स्त्रोत सूख गए हैं, जहां से किसी प्रकार की कोई पानी की आवक नहीं माही से जो पानी मिल रहा है। वे अब पूर्ति नहींहो पाएगी, अभी तक माही को जो पानी मिल रहा था उससे पूर्ति होती थी परन्तु अब गरमी बढ़ चुकी रायपुरिया को 6 से 7 घंटे पानी दिया जाना चाहिए।                                    -महेन्द्र प्रतापसिंह राठौर, उपसरपंच

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