मामा बालेश्वर दयाल की 111वीं जन्म जयन्ती मनाई

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झाबुआ। युगपुरूष मामा बालेश्वर दयाल की 111वीं जन्म जयन्ती शुक्रवार को भील आश्रम वामनिया में उत्साहपूर्वक मनाई गई जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से मामाजी के अनुयायी काफी संख्या उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम आदिवासियों के मसीहा मामा बालेश्वर दयाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके अधूरे कार्यो को पूर्ण करने का संकल्प लिया गया। इस दौरान लोहिया विचार मंच के संयोजक राजेश बैरागी ने मामाजी को बहुआयामी व्यक्तित्व बताया। बैरागी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम, समाज सुधारक एवं राजनीति में मामाजी ने अपनी अमिट छाप छोडी है। वर्षों से पीड़ा झेल रहे वनवासी भीलों के कल्याण एवं उत्थान को मामाजी ने अपने जीवन का लक्ष्य बनाया एवं अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिये अपना ग्रह जिला इटावा उत्तर प्रदेश को छोड़कर आदिवासियों समुदायों के बीच निरन्तर संघर्षरत रहे और मामाजी ने आदिवासियों को शोषण और उत्पीडऩ से मुक्त करने को ही अपना जीवन ध्येय बना लिया तथा मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात के आदिवासी अंचल को ही अपना कर्म क्षेत्र बनाकर प्राण-प्रण से जुट गए। मामाजी की पद, पैसा और प्रतिष्ठा में कभी रुचि नहीं रही। दरअसल मामाजी मूलत: साधारण व्यक्ति थे जो कि दीन-दु:खियों की सेवा में जुटे हुए थे। मामाजी की यह जीवन यात्रा देशभक्ति, जनसेवा और त्याग का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। इस जन्म जयंती कार्यक्रम के अवसर पर लोहिया विचार मंच के संयोजक राजेश बैरागी के साथ अन्य साथी गण गोपाल डामोर, वालजी भाई, लालू मुणिया, विसिया पटेल, भुंडा डामोर, सुशीला मेढा, मूर्ति मेढा, कर्मा डामोर, धर्मा डामोर, दुबेसिंह डिंडोर, प्रेमसिंग भूरिया, दुलेसिंग कटारा, नानसिंग कटारा, प्रेमसिंग कटारा, हकरू मेढा, मानसिंग मेड़ा आदि सदस्य उपस्थित रहे।

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