मामाला माही परियोजना के स्टोर कीपर द्वारा फर्जी रूप से ठेका लेकर राशि आहरण करने का

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झाबुआ लाइव के लिए झकनावदा से जितेंद्र राठौड़ की रिपोर्ट-
झकनावदा। माही परियोजना के अधिक का बड़ा कारनामा सामने आया है जिसमे जिला कलेक्टर द्वारा ई-माही परियोजना को अपने एक स्टोर किपर की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया था। माही परियोजना के अधिकारीयो के द्वारा अधिकारियों के द्वारा एक कार्यालयीन आदेश जारी किया गया जिसमे लिखा गया की अनुविभागीय अधिकारी के जाच प्रतिवेदन में पृष्ठ क्रमांक 1254/टीएल/17 के तहत पेटलावद 19 मई 2017 के अनुसार लाभु चारण स्टोर अटेंडेंट माही परियोजना उप संभाग लाबरिया जिला घार के तहत मनरेगा के तहत जनपंद पंचायत पेटलावद के क्षेत्र में तालाब निर्माण कमाला वाली नाकी बेकल्दा, कुंडला वाली नाकी धोलीखाली में मजदूरों को भुगतान न करते हुए फर्जी रूप से मस्टर तैयार कर 4 लाख 10 हजार रुपए की राशि का गबन करने का आरोप साबित हुआ, जिसके कारण लाभु चारण की सेवा समाप्ति का आदेश माही परियोजना के कार्यपालन यंत्री के द्वारा किया गया, परन्तु अचानक माही परियोजना के कार्यपालन यंत्री के द्वारा एक नया आदेश निकालते हुए जिसमे लिखा गया की कर्मचारियों के द्वारा स्पष्टीकरण के आधार पर पूर्व में जारी आदेश के आधार पर निरस्त किया जाता है। अब बड़ा सवाल यह है कि उक्त कर्मचारी का स्पटीकरण एसडीएम पेटलावद के द्वारा पहले की लिया जा चुका था और अक्त कर्मचारी की सेवा समाप्ती के आदेश जिला कलेक्टर द्वारा माही परियोजना को दिए थे। सवाल यह है कि माही परियोजना के कार्यपालन यंत्री ने कैसे नया आदेश जारी कर दिया।
मुख्यमंत्री ऑनलाइन व जनसुनाई में की शिकायतें
दरसल मामला जब सामने आया की बेल्दा ओर धोलीखाली के मजदूरो ने जनसुनवाई में पहुंच कर तालाब निर्माण करवाने वाले ठेकेदार द्वारा एक वर्ष बीत जाने के बाद भी मजदूरी नहीं दी गई। मामले को मीडिया ने प्रमुखता से उठाया जिसमे मनरेगा मे ठेका देना का कोई नियम नही है परंतु किस आधार पर ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा लाभु चारण को ठेकेदार बनाया गया। समाचार प्रकाशन के बाद कलेक्टर ने टीएल बैठक में एसडीएम पेटलावद के नेतृत्व में जांच गठित की गई।
एसडीएम की जांच मे पाया दोषी
एसडीएम पेटलावद सीएस सोलंकी के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई जिसमे जांच टीम द्वारा मजदूरों के बयान लिये जिसमे पाया गया की लाभु चारण के द्वारा ही तालाब का निर्माण करवाया गया है। जांच मे पाया गया की लाभु चारण के द्वारा अपने परिजनों के नाम से फर्जी मस्टर बिल लगाकर 4 लाख 10 हजार रुपए की राशि का आहरण किया गया। एसडीएम पेटलावद द्वारा जांच में पाया गया कि लाभु चारण ने शासकीय सेवा मे होते हुए फर्जी रूप से ठेका लिया गया जो सासकीय सेवा नियम के खिलाफ है। एसडीएम पेटलावद द्वारा जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा गया जिसमे स्पष्ट रूप से बताया कि लाभु चारण द्वारा शासकीय कर्मचारी होकर राशि का आहरण किया गया है। लाभु चारण पहर शासकीय राशि का गबन करने का आरोप साबित होता है। इसलिए एफआईआर दर्ज करवाना उचित होगा। अब सवाल यह उठता है कि किस आधार पर गरीब मजदूरों की राशि का आहरण करने वाले व्यक्ति को तमाम आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए माही परियोजना के अधिकारियों ने किस आधार पर लाभु चारण का आदेश जारी कर दिया।
जिम्मेदार बोल-
मामले की जांच करवाएंगे दोष पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
– आशीष सक्सेना कलेक्टर
मामले की जांच हमारे द्वारा रखी गई थी जिसमे लाभु चारण दोषी पाया गया था। हमने प्रतिवेदन बनाकर कार्रवाई के लिए कलेक्टर को भेजा था।
– सीएस सोलंकी, एसडीएम
अब आपको सब मालूम है तो मैं क्या बताऊं।
– केसी अग्रवाल कार्यपालन यंत्री माही परियोजना
पीडि़त बोल
हमने तालाब पर मजदूरी की थी लाभु चारण ने काम करवाया था एक वर्ष बीत जाने के बाद भी हमें मजदूरी नहीं दी। शिकायत करने पर हमे धमकाता है। – मनसु निनामा, मजदूर धोलीखाली
——- माही परीयोजना के अधिकारीयो के द्वारा भ्रष्ट व्यक्ति को हटाने के बाद शासकीय सेवा मे रखने के बाद माही परियोजना के अधिकारियों से भी भ्रष्टाचार की बू आ रही है। कार्रवाई नहीं की गई तो न्यायालय जाएंगे।
– राजेश कांसवा, सांसद प्रतिनिधि

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