झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट
गुजारा भत्ते का अधिकार सिर्फ पति द्वारा छोड़ी गई पत्नी को ही नहीं है, बल्कि ऐसे वृद्ध मां-बाप भी गुजारा भत्ता पाने के अधिकारी हैं, जन्हें उनके बेटो द्वारा छोड़ दिया गया है। आजकल बहुत से गरीब मां-बाप बेटों द्वारा घर से निकाल दिये जाने के कारण अलग रहकर जीवन गुजारने को मजबूर है। ऐसी स्थिति में कानून उन्हें अधिकार मुहैया करवाता है कि वे न्यायालय अथवा एसडीएम न्यायालय मे आवेदन पत्र प्रस्तुत कर अपनी संतान से गुजारा भत्ता प्राप्त करें। कानून की ऐसी जानकारी जब बूढ़े मां-बाप को होगी, तो ही वे ऐसे आवेदन पेश कर गुजारा राशि प्राप्त कर सकेंगे, इसी कारण विधिक शिविरों का आयोजन कर आमजन को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति सचेत किया जा रहा है।
उक्त बात तहसील विधिक सेवा समिति, थांदला के अध्यक्ष एवं न्यायाधीश श्री हरिओम अतलसिया द्वारा विधिक साक्षरता शिविर में 26 सितंबर को ग्राम देवीगढ़ शंभू माता मंदिर पर आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में कही गई। शिविर में ग्राम देवीगढ़ के पुरूष एवं महिलाएं तथा ग्राम पंचायत देवीगढ़ के सरपंच तथा पास ही स्थित विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए। शिविर में सांपत्ति अधिकार, शासन की लाभकारी योजना तथा महिला एवं बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम तथा भरण-पोषण तथा परिवाद विवाद परामर्श तथा सूचना के अधिकार संबंधी विधियों की जानकारी ग्रामवासियों को दी गई। शिविर में अन्य अधिवक्ता वी.आर. अरोरा, कविता बोथरा, अधिवक्ता ने भी कानून की सामान्य जानकारियां दीं।
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