महिला का बड़ा आरोप, गांव के दबंगों ने पिटाई के बाद प्राइवेट पार्ट में डाली मिर्ची, पुलिस पर सही रिपोर्ट न लिखने का आरोप

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चंद्रभानसिंह भदौरिया@ चीफ एडिटर
झाबुआ जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर पर गंभीर हालत में उपचार के लिए पहुंची एक महिला ने आज आरोप लगाया कि उसके मायके में रहने वाले दबंगों ने एक जमीन विवाद में पहले उसकी और उसकी मां की जमकर पिटाई की, और उसके बाद उसके प्राइवेट पार्ट पर मिर्ची डाल दी। पीडि़ता ने यह आरोप पुलिस पर भी मढ़ा कि थाने पर पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज की लेकिन उसके साथ हुई बर्बरता के महत्वपूर्ण तथ्य और कुछ आरोपियों के नाम एफआईआर में दर्ज नहीं किए। घटना विगत 22 जून की रायपुरिया पुलिस थाने के मातापाड़ा गांव शाम 5 बजे की है। झाबुआ लाइव को दिए गए अपने बयान में पीडि़ता ने कहा कि उसके गांव के उसके दूर के रिश्तेदार पुंजिया पिता मडिय़ा बारिया, रतु पिता हीरा बारिया, पांगला पिता हीरा बारिया कुल 10 से 12 लोगों के साथ उस समय उसके खेत पर आए जब वह अपनी मां के साथ अपने मायके मातापाड़ा भद्रकाली मंदिर के पास खेत में काम कर रही थी, तभी सभी आरोपियों ने नंगी-नंगी मां-बहन की गालियां देने के बाद जब पत्थरों से उस पर और उसकी मां पर हमला कर दिया तथा उसके साथ बदसुलूकी की गई उसके साथ अश्लील हरकते की गई तथा उसके प्राइवेट पार्ट में मिर्ची तक डाल दी गई। पीडि़ता और उसके भाई का आरोप है कि रायपुरिया पुलिस थाने पहुंचने पर हमारी हालत देखकर थाना प्रभारी कौशल्या चौहान समेत कुछ पुलिस कर्मियों ने उनका मजाक उड़ाया और उसके बाद आसान धाराओं में मामला दर्ज कर मिर्ची डालने और अश्लील हरकते करने की बात एफआईआर में नहीं दर्ज की गई। साथ ही 10-12 आरोपी थे कि जबकि एफआईआर में तीन लोगों के नाम लिखे गए। पीडि़ता के भाई ने बताया कि विगत 22 जून से वह पीडि़ता को इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं तथा आज पेटलावद से डॉ. मंडलोई ने उन्हें जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया।

पुलिस को पीडि़ता के आरोपों पर संदेह, एसडीओपी को इलाज करवाने डॉक्टरों से बयान लेने के निर्देश-

इस पूरे मामले में पुलिस का पक्ष जानने के लिए जब झाबुआ लाइव ने एसपी महेशचंद जैन से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस ने तत्परता से एफआईआर दर्ज की थी तथा आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अब दस दिन पश्चात मिर्ची डालने एवं अश्लील हरकतों के आरोप सामने आए हैं हम उसकी भी एसडीओपी पेटलावद से जांच करवा रहे हैं, तथा एसडीओपी पेटलावद को कहा गया है कि फरियादिया उर्फ पीडिता का इलाज करने वाले डॉक्टरों से बयान मिर्ची डालने संबंधी आरोपों की पुष्टि के लिए, लिए जाए ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।

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