बेेतमार होली खेलकर मनाई शीतला सप्तमी

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
मथुरा वृंदावन की लठ्ठ मार होली की तर्ज पर नगर में सिर्वी समाज भी 250 वर्षों से बेतमार होली का आयोजन करता आ रहा है, जो कि शीतला सप्तमी के दिन मनाया जाता है। अपनी 250 से अधिक वर्ष पुरानी परपंरा का निर्वाह करते हुए सिर्वी समाज ने शीतला सप्तमी रविवार को होली उत्सव मनाया, जिसमें क्षेत्र की प्रसिद्ध बेतमार होली का आयोजन भी किया गया, जिसमें समाज जनों ने एक दूसरे के घर पर जा कर रंग गुलाल किया व उत्साह के साथ त्योहार मनाया। बेतमार होली को देखने के लिए समाज सहित अन्य वर्गों के लोगों की भीड़ स्थानीय चमठा चौराहे पर लगी। इस त्योहार में महिलाओं का भी उत्साह देखने लायक था। महिलाएं भी झुंड बना कर एक-दूसरे के साथ होली खेलने में पीछे नहीं रही।
बेतमार होली का हुआ आयोजन-
सुबह से प्रारंभ हुआ यह होली उत्सव दोपहर में अपने चरम पर पहुंचा जिसमें बेतमार होली का प्रारंभ हुआ। स्थानीय चमठा चौक पर सभी समाजजन एकत्रित हुए व एक बडे कड़ाव में रंग वाला पानी भरा गया, जिसमें युवक मस्ती करते हुए कूदते रहे और एक-दूसरे के साथ होली खेलते रहे। इसके साथ समाज की बालिकाओं और महिलाओं ने बेतमार होली प्रारंभ कर दी, जो युवक भी इस बड़े कड़ाव के आसपास आकर रंग लगाने की कोशिश करता उसको महिलाएं बेतमार होली का मजा चखाती है जो कि एक आनंद उत्सव बन चुका है, जिसका मजा सभी ने लिया। इसके पूर्व समाज के लोगों ने एकत्रित होकर मुख्य मार्गो से रंगारंग गेर निकाली। होलिका उत्सव का भरपूर आनंद सिर्वी समाज के युवाओं ने लिया। समाजजनों का मानना है कि इस युग में भी परंपराओं का निर्वाह होना बड़ा कठिन है किन्तु समाजजन आज भी एकत्रित होकर परंपरा का निर्वाह कर रहे है। यह समाज के लिए अच्छा संकेत है। इसके साथ ही समाजजनों ने आज अपने प्रतिष्ठान भी बंद रखे, जिससे आधा पेटलावद नगर बंद रहा।

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