फिर लगी नगर की शांत फिजा को नजर ताजिया का जुलूस रोकने पर हुआ विवाद, 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

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झाबुआ लाइव की रिपोर्ट-
प्रशासन की ज्यादती के चलते एक बार फिर पेटलावद का शांति पूर्ण माहोल बिगड़ा, रात्रि में ताजियां रोकने शुरू हुए विवाद और एक दुकान में लगी आग के बाद मामला शांत हो गया था, किन्तु रात्री में 3 बजे, सदर मुक्तियार अहमद मुहर्रम कमेटी की रिपोर्ट पर 6 लोगों को रात्री में ही उनके घर से गिरफ्तार किया गया और उनके साथ मारपीट की गई। इस दरमियान भाजपा मंडल अध्यक्ष और पूर्व जिला संघ कार्यवाहक सहित तीन लोगों के साथ पुलिस जवानों ने मारपीट की, जिससे नगर की शांत फिजा बिगड़ गई और सुबह से पेटलावद बंद का आव्हान किया गया और हजारों कार्यकर्ताओं ने मुख्य मार्ग पर बैठ कर चक्काजाम किया। इस बीज कुछ लोगों ने एसडीओपी के वाहन को भी नुकसान पहुंचाया, शाम 4 बजे धरना स्थगित कर शुक्रवार से पूरे झाबुआ बंद का आव्हान किया गया। साथ ही पेटलावद अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगा। दूसरी ओर प्रशासन मानने को ही तैयार नहीं है कि प्रशासन द्वारा कोई गलती की गई है। तीन लोगों की रिपोर्ट कारवाई की गई है तथा रात्रि में पहुंचे लोगों के साथ मारपीट वाले मामले में जांच की बात कहीं जा रही है।
क्या है मामला.
जानकारी के अनुसार मुहर्रम का जुलुस जब सिर्वी मोहल्ले में पहुंचा तो गंधवानी की घटना का विरोध करते हुए सिर्वी समाज के लोगों ने मोहर्रम का जुलूस सिर्वी मोहल्ले से नहीं निकलने दिया, जिसके बाद जूलुस को दूसरे रास्ते से ले जाया जा रहा था, वहां पर भी जूलूस को रोका गया, जिसके बाद नगर के नया बस स्टैंड पर एक मनिहारी की दुकान में आग लगने की घटना के बाद मौके पर पुलिस प्रशासन और भारी भीड़ जमा हो गई, फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया गया।
रात्री में आए एसपी-कलेक्टर
रात्री 11 बजे के बाद घटना की जानकारी प्राप्त करने के लिए कलेक्टर आशीष सक्सेना और एसपी संजय तिवारी मौके पर पहुंचे, जिसके पश्चात कलेक्टर और एसपी राजापुरा स्थित ताजिया कमेटी के लोगों से बैठक कर घटना की जानकारी ली और ताजियां कमेटी की ओर से एसपी के निर्देश पर रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।
रात्री में हुए ताजियें ठंडे
माहौल शांत होते ही मुस्लिम समाज द्वारा ताजियों को कर्बला ले जाकर ठंडे किए गए। इस मौके पर प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौके पर उपस्थित रहे।
अलग अलग हुई तीन रिपोर्ट-
घटना क्रम में रात्री 1 बजे के बाद तीन लोगों के द्वारा अलग अलग रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। इजसमें प्रथम रिपोर्ट फरियादी मुख्तियार अहमद सदर, मुर्हरम कमेटी ने की जिसमें बताया कि सिर्वी समाज के लोगों के द्वारा ताजियों का रास्ता रोका गया और गाली गलोच की गई. फरिया दी ने रिपोर्ट में आरोपी लुणचंद्र पिता माना परमार, राधेश्याम लुणचंद्र, जगदीश नारायण भायल, मुकेश गंगाराम परमार, लाला गंगाराम सोलंकी, मनोहर गंगाराम चौहान, दशरथ नारायण आंजना, रणछोड ईश्वर आंजना, अंकित दिनेश सेंचा, संदीप मोहनलाल भायल, मोहन रामाजी काग, नरेंद्र नंदलाल पडियार,आकाश मोहन सोलंकी, दिनेश चेनालाल गेहलोत, रवि राठौड सहित अन्य 25 लोगों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण 366-16 में धारा 153, 295, 147, 341, 294 और 506 भादवि में मुकदमा दर्ज करते हुए छह लोग नरेंद्र पडियार, संदीप भायल, लाला परमार, दशरथ आंजना, अकिंत सेंचा, मनोहर चौहान को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत कर उन्हें जिला जेल भेजा गया।
दूसरे प्रकरण में फरियादी सुनील यादव प्रधान आरक्षक की रिपोर्ट पर अपराधिक प्रकरण क्र.368-16 में आरोपी लुणचंद्र पिता माना परमार और आकाश सोलंकी सहित अन्य 2 के विरूद्ध धारा 353, 332, 294 ,506 और 34 भादवि की धारा में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। फरियादी का आरोप है कि शासकीय कार्य में बाधा डाली गई और मुर्हरम जुलूस के दरमियान मौके की वीडियो शूटिंग करने से रोका गया। तीसरे प्रकरण में फरियादी मुहम्मद जिम्मा असीर मुहम्मद मनिहारी की रिपोर्ट पर अपराधिक प्रकरण 367-16 कायम करते धारा 436 और 147 भादवी की धारा में अज्ञात 20 से 25 लोगों के खिलाफ कायमी की गइ। फरियादी का आरोप है कि अज्ञात लोगों के द्वारा नया बस स्टैंड पर स्थित फरियादी की दुकान में आगजनी की गई।
रात्री 3 बजे पुलिस पर गुंडागर्दी का आरोप 
रिपोट॔ होने के बाद संघ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अपना असली रूप दिखाना शुरू किया और रिपोर्ट को आधार बना कर जिन लोगों के नाम रिपोर्ट में लिखे गए उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके घर पहुंचे और घर वालों के साथ बुरा व्यवहार करते हुए 6 लोगों को पीटते हुए थाने पर ले गए। नरेंद्र पडियार के घर का दरवाजा ही तोड दिया वहीं मुकेश परमार नहीं मिलने पर उनके पुत्र जीवन परमार को पकड कर ले गए। इसी प्रकार करडावद निवासी दशरथ आंजना के साथ उनके पिताजी नारायण आंजना को भी पकड कर ले गए, जबकि नारायण आंजना का रिपोर्ट में नाम ही नहीं था।
सामाजिक कार्यकर्ताओं से मारपीट.
संघ ने आरोप लगाया कि रात्रि में जब सामाजिक कार्यकर्ता पुलिस थाने पर पहुंचे और पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगने लगे तङ्क्ष पुलिस जवानों ने एसडीओपी राकेश व्यास के निर्देश पर भाजपा मंडल अध्यक्ष शंकरलाल राठौड, सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व जिला संघ कारवा मुकुट चौहान, संघ कार्यकर्ता विकास जोशी, कैलाश प्रजापत, प्रकाश प्रजापत के साथ मारपीट की और उन्हे मारते हुए गांधी चौक तक लाए। इसके बाद पुन: थाने पर ले गए और मारपीट की। इसके पश्चात सुबह 8 बजे एसडीएम कोर्ट में पेश किया और मुचलके पर छोड़ा गया।
नगर बंद और चक्काजाम.
पुलिस की गई कार्रवाई के विरोध में सुबह से नगर का माहौल गर्म होने लगा और हिंदू संगठनों के आव्हान पर धीरे धीरे नगर की सभी दुकाने बंद हो गई। सुबह 10 बजे तक गांधी चौक बस स्टैंड हजारों कार्यकर्ता जमा हो गए और मुख्य मार्ग पर प्रशासन व पुलिस के विरूद्ध धरने पर बैठ गए। इस दरमियान कुछ लोगों ने एसडीओपी के वाहन भी तोडाफोड़ कर दी। हिंदू संगठनों की मांग है कि एसडीओपी राकेश व्यास को निलंबित किया जाए और यहां से हटाया जाए। साथ ही प्रशासन इस मामले में खेद प्रकट करें लगभग दोपहर 2 बजे तक गांधीचौक पर चक्काजाम किया गया , उसके पश्चात 3 बजे तक श्रद्धांजलि चौक पर चक्काजाम और धरना प्रदर्शन किया गया, शाम 4 बजे आज का धरना स्थगित किया गया.
शुक्रवार से पूरा जिला बंद और चक्काजाम
संघ कार्यकर्ता आकाश चौहान ने बताया कि शुक्रवार से जिले के प्रत्येक गांव में बंद रखा जाएगा तथा मुख्य मार्गों पर चक्काजाम किया जाएगा। पेटलावद अनिश्चितकाल के लिए बंद किया जाता है. जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक बंद रखा जाएगा।
प्रतिनिधि मंडल लौटा बे रंग
धरना प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच मध्यस्थता की पहल करते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष दौलत भावसार, विधायक कलसिंह भाबर और झाबुआ विधायक शांतिलाल बिलवाल और पूर्व जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे सहित जिला कार्यकर्ता कलेक्टर और एसपी से स्थानीय एसडीएम कार्यालय में मिले, जिसमें उन्होंने एसडीओपी को हटाने की मांग की, किन्तु एसपी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बात होना बताया। इस पर भोपाल स्तर के अधिकारियों और मंत्रियों से चर्चा की गई किन्तु कोई स्थाई हल नहीं निकल पाया। एसपी का कहना है कि हम केवल जांच का आश्वासन दे सकते है, जिसके पश्चात प्रतिनिधि मंडल बैरंग लौटा दिया।
पुलिस ने हमारे साथ बेमतलब मारपीट की और झूठे प्रकरणों में फंसाया गया। हम लोग तो केवल चर्चा करने गए थे, पुलिस ने हमारे साथ गलत व्यवहार किया और मारपीट की। -मुकुट चौहान, पूर्व जिला संघ कार्यवाहक
पुलिस प्रशासन की ज्यादती है, मामला पूर्ण रूप से शांत हो चुका था किन्तु पुलिस ने मनमानी कर जबरदस्ती रिपोर्ट दर्ज करवाई और रात्री में ही माहौल बिगाड अन्यथा पेटलावद में पूर्ण शांति थी। शंकरलाल राठौड, मंडल अध्यक्ष पेटलावद.
जिम्मेदार बोल-
हम हमारा काम कर रहे है. नगर में शांति व्यवस्था बनाई जाए, हम अभी किसी को हटा नहीं सकते, किस की गलती है इस मामले में जांच होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
                                                  -आशीष सक्सेना,कलेक्टर

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