प्राची के 6 नंबर बढऩे के साथ ही मिलेगी स्कॉलरशीप व वाद खर्चे

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
12वीं की मेधावी छात्रा प्राची पिता डॉ.केके श्रीवास्तव को हिंदी के अलावा सभी विषयों में विशेष योग्यता मिली। छात्रा ने सूचना के अधिकार के तहत उत्तर पुस्तिका की कॉपी निकलवाई तो पता चला की दो उत्तर सही होने के बावजूद हिंदी में उनके नंबर नहीं दिए गए थे। छात्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की तब कहीं जाकर 6 अंक बढाए गए। जानकारी के अनुसार प्राची श्रीवास्तव ने वर्ष 2016 में कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा दी थी जिसमें सभी विषयों में विशेष योग्यता के साथ चार विषयों में अपेक्षित 84 से 93 अंक प्राप्त हुए किन्तु हिंदी विषय में मात्र 75 अंक मिले थे। इससे असंतुष्ट होकर पुनर्गणना हेतु आवेदन किया गया,किन्तु माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा पुनर्गणना न करते हुए आवेदन प्रस्तुत करने के नियत दिनांक के पूर्व ही फर्जी तरीके से पुनर्गणना परिणाम घोषित कर दिया और पोर्टल पर छात्रा का परिणाम भी नहीं दर्शाया गया।
छात्रा की उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी सूचना के अधिकार के तहत मंगवाने पर पता चला की चार प्रश्नों को अधूरा चेक किया गया है और उचित अंक नहीं दिए गए है और अन्य कुछ प्रश्नों को भी सही ढंग से चेक नहीं किया गया है। इससे अंसतुष्ट होकर प्राची श्रीवास्तव द्वारा अपने पिता डॉ केके श्रीवास्तव के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में रिट याचिका प्रस्तुत की गई, जिस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए माननीय न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्रसिंह की युगल पीठ द्वारा रिट याचिका स्वीकार कर मात्र तीन माह की अवधि में न्याय प्रदान करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल मप्र भोपाल को हिंदी विषय में 6 अंक बढ़ाने और 15 दिन में छात्रा प्राची श्रीवास्तव को संशोधित अंकसूची एवं वाद खर्च उपलब्ध कराने हेतु आदेश पारित किया गया। प्राची श्रीवास्तव की ओर से पेरवी एडवोकेट यशपाल राठौर ने की। राठौर ने बताया कि परीक्षा में शानदार प्रदर्शन के बाद छात्रा को मुख्यमंत्री योजना के तहत सीएम के हाथों लैपटॉप भी मिल चुका। हिंदी में कम अंक की वजह से उसे स्कॉलरशिप नहीं मिल पा रही थी। 6 अंक बढऩे के बाद अब वह इसके लिए पात्र हो गई है।

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