पेटलावद ब्लास्ट के दोषियों पर कार्रवाई न होना इसके लिए सीधे तौर पर गृह मंत्रालय दोषी : मेधा पाटकर

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– पेटलावद में ग्रामीणों से चर्चा करते हुए. मेघा पाटेकर.

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पेटलावद ब्लास्ट जैसी घटना को लेकर एक अधिकारी द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद भी यदि दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है तो सीधे तौर पर गृह मंत्रालय दोषी है, लेकिन आज भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर हो सकती है। अवैध खनन व अवैध भंडार को लेकर व्यक्ति तो दोषी है, किंतु इसके साथ प्रशासन भी पूरी तरह से दोषी है। उक्त बात नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेत्री मेघा पाटेकर ने पेटलावद ब्लास्ट घटना स्थल पर श्रद्धांजलि देते हुए कहीं। मेधा पाटेकर ने मामा बालेश्वर दयाल की पुण्यतिथि पर बामनिया में श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित होने जा रही थी। उसके पूर्व उन्होंने पेटलावद में रुक कर ब्लास्ट में मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी और पत्रकारों से चर्चा की।
पत्रकारों से चर्चा में पाटेकर ने कहा कि घटना में मारे गए लोग शहीद है और सरकार ने जो जवाबदारी तय की है उस पर सरकार खरी नहीं उतरी है। शासन की लापरवाही से इस प्रकार की विभत्स घटनाएं और भी हो सकती है. सरकार को उनकी पढ़ाई और नौकरी का भी ध्यान रखना चाहिए। हम पीडि़तों के साथ है। नर्मदा बचाओ आंदोलन का राष्ट्रीय समन्वय मृतकों के परिजनों के साथ है जब वे कहेगें हम उनके साथ तैयार है.
नर्मदा के पुर्नवास में जमकर भ्रष्टाचार-
नर्मदा के लोकार्पण का जो भी नाटक चला उसकी जीतनी भी भत्सना की जाए वह कम है। गुजरात केनाल भी अभी तक नहीं बनी है और मध्यप्रदेश को एक बूंद पानी का अधिकार नहीं है। कच्छ सौराष्ट्र में किसानों के बजाए व्यापारियों को पानी दिया जा रहा है जिसका परिणाम गुजरात चुनाव में देखने को मिला। नर्मदा मछुआरों और समीपस्थ गांवों के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। शहरी लोगों को शुद्ध जल दिया जा रहा है। गांव की आदिवासी जनता को कीड़े मकोड़े समझ कर उन्हें शुद्ध पानी नहीं दिया जा रहा है। गुजरात में नर्मदा खत्म हो रही है लगभग 50 किमी तक समुद्र फैल चुका है।
900 करोड़ के पैकेज में भष्ट्रचार
हमारे उपवास व आंदोलन के दौरान जो 900 करोड़ के पैकेज स्वीकृत किए गए उनमें भ्रष्टचार हुआ है सरकार की तिजोरी खाली हो रही है और सत्ताधारियों को कुछ ठेके जरूर मिले है किंतु अबतक पुर्नवास नहीं हुआ है।
आदिवासी से सिख कर विकास हो सकता है
यह बात सही है सरकार की योजनाओं से कोई विकास नहीं हो सकता है आदिवासी से सीखकर ही विकास किया जा सकता है। अलीराजपुर जिले के नर्मदा किनारे के 6 गांवों में जीवन पाठशालाएं चल रही है जिनसे में 5000 छात्र तैयार हुए है, जो कि कोई सरकार नहीं कर सकती है।
दोनों यात्राओं में दिग्वजसिंह की यात्रा को श्रेष्ठ बताया.
दोनों यात्राओं में अंतर बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने हेलीकॉप्टर से यात्रा की और किसी से संवाद नहीं किया। वहीं दिग्वजय सिंह ने पैदल यात्रा करते हुए एक-एक व्यक्ति से संवाद किया। मुख्यमंत्री भले ही दलाई लामा या श्रीश्री रविशंकर को लाए हो किंतु वास्तविक यात्रा दिग्वजय सिंह ने की है उन्होंने नर्मदा भक्तों के साथ यात्रा की है। केवल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या आशा कर्मचारी से यात्रा पूर्ण नहीं हुई है।
मामाजी ने संकल्पबद्ध किया-
मामाजी ने समाजवाद की राह पर चलकर आदिवासियों के उत्थान के लिए कार्य किए है जिसमें उनका संकल्प झलका जैसे नशा मुक्ति, अंधविश्वास दूर करना आदि क्षेत्रों में कार्य किए है, किंतु सरकार उनके चलाए आंदोलन को आगे बढ़ाया है। इस मौके पर संजय लोढ़ा, अनुसुचित जनजाति ब्लाक अध्यक्ष गोपाल परमार, बरकत मंसूरी, रमेश जैन बोरी, मुकेश भाई, कान्हा डामर, माणक भाई आदि उपस्थित थे।

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