झाबुआ। जिला कांग्रेस कमेटी की कार्यकारी अध्यक्ष कलावती भूरिया ने आज जारी बयान में भाजपा सरकार पर सीधा आरोप लगाया है कि वह 100 निर्दोष लोगो को मोत घाट उतारने वाले पेटलावद ब्लास्ट के मुख्य आरोपी भाजपा नेेता राजेन्द्र कांसवा को गिरफ्तारी से बचाने की पूरी कोशिश कर रही है । अब यह साबित हो चुका है कि कांसवा जिंदा है और वह इसी मप्र की धरती पर कही ऐसी गुप्त जगह पर शरण लिए हुए है, जहां पुलिस तो पहुचने की हिम्मत भी नहीं कर सकती । 21 नवम्बर का मतदान निकट देखकर संसदीय क्षेत्र के मतदाताओ का ध्यान बांटने के लिए राजेन्द्र कांसवा के भाई नरेन्द्र ओर फूलचंद की पत्नियो को गिरफ्तार करने में अपनी बहादुरी सरकार ने दिखाई है। इन महिलाओ पर यही आरोप है कि कांसवा की विस्फोटक सामग्री का अवैध भण्डारण जिस जमीन पर जब्त हुआ है वह जमीन इन महिलाओं के नाम पर है। पुलिस ने कांसवा परिवार की महिलाआं को ब्लास्ट काण्ड में सह-आरोपी बनाया है। सवाल यह है कि इन दोनो महिलाओं की गिरफ्तारी ऐन मतदान के पहले ही क्यों की गई? इस मामूली औपचारिकता में आखिर दो महीने क्यों लगाए। कलावती भूरिया ने अपने बयान में आगे कहा है कि कोई भी यह स्वीकार नहीं करेगा कि मध्यप्रदेश की पुलिस इस समय इतनी अक्षम नहीं है कि वह राजेन्द्र कांसवा को जेल के सींखचों के पीछे न कर सके। आपने आरोप लगाया है कि अपने राजनीतिक स्वार्थ को साधने के लिए मुख्यमंत्री 100 परिवारो की खुशियां छीनने वाले भाजपा के अवैध कारोबारी और रसूखदार नेता राजेन्द्र कांसवा को बचाने के लिए हर चंद कोशिश कर रहे हैं। कांगे्रस को मध्यप्रदेश की पुलिस की काबिलियत पर भरोसा है कि यदि सरकार द्वारा उसको छूट दे दी जाय तो वह कुछ ही घंटों में राजेन्द्र कांसवा की गिरफ्तारी कर सकती है। कांग्रेस नेत्री ने आगे कहा है कि भाजपा अपने चुनावी फायदे के लिए मौतों के सौदागर राजेन्द्र कांसवा की गिरफतारी को रूकवाकर मृतकों और घायलों और उनके परिवारों के साथ क्रूर मजाक कर रही है। इस मजाक की कीमत उसे 21 नवम्बर को मतदान के दिन अवश्य चुकाना पडे़गी । उन्होने सरकार से यह भी पूछा है कि कांसवा परिवार के सदस्यों के नार्को टेस्ट एवं उनकी संपत्ति की कुर्की में इतना विलंब क्यों किया जा रहा है ?