पेटलावद के आधे से ज्यादा लोग मानते है ” जिंदा ” है राजेंद्र कासवा

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झाबुआ Live के लिए ” मुकेश परमार” की ग्राउंड रिपोर्ट । screenshot_2016-09-11-15-03-00-112 सितंबर को ” मध्यप्रदेश” के इतिहास के सबसे बडे Blast को एक साल पूरे हो रहे है इन एक साल मे पुलिस की S.I.T की विवेचना कई सवालो के घेरे मे रही है ओर कई सवाल भी जांच पर खडे हुए है एक साल पूरे होने के पहले हमने जब शहरवासीयो से बात की तो शहर के आधे से ज्यादा लोग S.I.T के दवारा घोषित ” मुख्य आरोपी राजेंद्र कासवा” की हादसे मे ही मोत को मानने को तैयार नही है । अधिकांश लोग का मानना है कि ” राजेंद्र कासवा” मर चुका है ऐसा वह मानने को तैयार नही है जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर आप राजेंद्र कासवा की मोत को क्यो स्वीकार नही कर रहे ? तो लोगो का कहना है कि एसआईटी की भटकती रही जांच बता रही है कि पुलिस ने लीपा पोती की है । हादसे मे अपने भाई विक्रांत पंवार को गंवाने वाले ” पेटलावद निवासी ” प्रवीण पंवार” कहते है कि हादसे के बाद लोगो ने राजेंद्र कासवा को जाते देखा है पुलिस ने किसी दबाव मे उसे मृत घोषित किया है प्रवीण यह तक॔ भी देते है कि जब कोट॔ ने कासवा परिवार के 5 लोगो का ” नारको” टेस्ट आड॔र किया था उसके पहले ही एक डीएनए रिपोर्ट आ चुकी थी फिर नारको ना करवाने के लिए महज 3 लाख रुपये ना होने का बहाना किया गया ओर समय को खींचा गया ओर फिर नारको के लिए राशि आने के पहले ही डीएनए की सैकंड रिपोर्ट आ गयी । इसी तरह का आरोप पेटलावद निवासी ” बाबूलाल मुलेवा” भी लगाते है उनका कहना है कि राजेंद्र कासवा जिंदा है ओर साजिशन उसकी मोत घोषित की गयी है अपने तक॔ के समथ॔न मे बाबूलाल कहते है कि एसआईटी इस बात का जवाब दे कि जिस पोटली से डीएनए राजेंद्र कासवा का निकलने का वह दावा कर रही है उससे सैंपल पहले डीएनए के समय क्यो नही गये थे ? पेटलावद के ही सुरेंद्र भंडारी भी राजेंद्र कासवा की मोत मानने को तैयार नही है वे कहते है कि पूरा पेटलावद इस बात को हजम नही कर पाया कि राजेंद्र कासवा भर चुका है ओर हम यह मानते है कि वह जिंदा है ओर परिवार के संपर्क मे है । इस पूरे मामले मे एसआईटी की टीम का अहम हिस्सा रहे टीआई ” के एस शक्तावत” कहते है कि इस तरह के आरोप अनुमान ओर पूरवाग्रह पर आधारित होते है वे कहते है कि बातचीत मे तो कुछ लोग यह दावा करते है कि राजेंद्र कासवा को जाते देखा लेकिन किसने देखा ओर सबूत पर सब मोन है के एस शक्तावत कहते है कि कानून सबूतो ओर तकनीकि चीजो से चलता है ओर हमे सागर की लेबोरेटरी से राजेंद्र कासवा की मोत होने की रिपोर्ट मिल चुकी है ओर हम उसे कोट॔ मे दाखिल कर चुके है अब केवल Blast मामले मे एक ही आरोपी है उसका नाम है धरमेंद्र सिंह राठौर निवासी गैहंडी जिस पर राजेंद्र कासवा को अवैध रुप से वह जिलेटिन राड एंव डेटोनेटर देने का आरोप है जिससे blast  हुआ था । टीआई कहते है कि राजेंद्र  कासवा की मोत की पुष्टि तो डीएनए रिपोर्ट से हुई थी लेकिन उसके पहले भी हमे उसके जिंदा होने के कोई सबूत नही मिले थे । हालांकि कांग्रेस अभी भी अपने पहले दिन के आरोप पर कायम है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं इलाके के सांसद कांतिलाल भूरिया कहते है कि राजेंद्र कासवा भाजपाई था ओर वह जीवित है उसे भाजपाईयो के दबाव मे आकर पुलिस ने मृत घोषीत किया है ।

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