झाबुआ मे निकली पुलिस के दावो की हवा..खुलकर हो रही है होली गोट वसुली..झाबुआ-राणापुर. ..कल्याणपुरा-झाबुआ. .पारा-झाबुआ..रोड पर लगभग हर 80 मीटर पर गोट वसुलने वालो की झुंड पत्थर तो कही लकडे रखकर तो कही झाडिया रखकर वसुली कर रहे है रुपये ना देने पर बदसलुकी करने से भी पीछे नही है यहाँ तक की एंबुलेंस तक को नही छोडा जा रहाऐ हमारे संवाददाता हरीश राठोड की ग्राउंड रिपोर्ट देखिए
क्या होता है गोटः
भगोरिये के अंतिम दिन होलिका दहन का कार्यक्रम रहता है।
यह परंपरा यहां दशकों से चल रही है।
रियासत काल से यहां होली की गोट मांगने की परंपरा रही है।
होलिका दहन वाले दिन जगह-जगह ग्रामीण बड़े-बड़े पत्थर रख देते हैं।
हर वाहन को रोकते हुए पैसा मांगते हैं।
पैसों की इस डिमांड को ही गोट कहा जाता है।