पिठड़ी के किसान बैठे धरने पर
झकनावदा। अवर्षा की मार से प्रदेशभर के किसानो के साथ जिले में भी किसान हताशा में डूबे है। क्षेत्र के किसान सोयाबीन की मार से सहम गये है, न तो प्रशासन और न ही कोई नेता उनकी बात सुनने को तैयार है। सोयाबीन की फसलों में तो बीज का खर्च भी नहीं निकला और चुनावी दोर में नेता फिर से किसान के विकास के नाम पर वोट मांगने निकल पड़े है लेकिन असल में उन्हंे बर्बाद किसान व फसल नजर ही नहीं आ रही। करना था सूखा क्षेत्र घोषित- ग्राम पीठड़ी व आसपास के किसानों ने बताया की इस वर्ष पानी की कमी के चलते फसले बर्बाद हो गई। बोया हुआ सोयाबीन अपनी लागत का मूल्य भी नहीं निकाल पाया। किसानों का कहना है की मुख्यमंत्री ने पेटलावद तहसील को सूखा घोषित नहीं किया जिस कारण किसान आक्रोशित है। उक्त आरोपों के साथ शनिवार को ग्राम पीठड़ी के किसान धरने पर बैठ गए उनका कहना है, की उपचुनाव के कारण नेता वोट के लिए गांव गांव घूम रहे है लेकिन बर्बाद हुए किसान पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। किसान पुनमचंद, धुला, वागु, मानसिंह ने बताया की राजनितिक पार्टियां चुनाव में किसानों की हित की बात कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत यह है, की किसी भी नेता को किसानों की समस्या पर ध्यान देेने की फुर्सत नहीं है। किसानों ने प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है।
हमें धरने की जानकारी नहीं है। मैं दिखवाता हूं। क्षेत्र में फसलों की स्थिति की रिपोर्ट राजस्व विभाग ने पहले ही भेज दी है। सीएस सोलंकी, एसडीएम पेटलावद
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार किसान विरोधी है। ग्राम बोलासा एवं क्षेत्र की जनता से लिफ्टएरीगेशन से पानी देने का वादा किया था जो की आज तक पूरा नही किया गया है, जिससे किसान परेशान है। – अकमोलसिंह मालू डामर, जिपं सदस्य