पटवारी-राजस्व निरीक्षक संघ ने रैली निकालकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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झाबुआ। मध्यप्रदेश पटवारी संघ और राजस्व निरीक्षक संघ के संयुक्त आव्हान पर शुक्रवार को जिले भर के पटवारी ओर राजस्व निरीक्षकों ने बडी संख्या मे रैली निकालकर कलेक्टर को 6 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। दोपहर 12 बजे तहसील प्रांगण मे जिलेभर से सैकड़ों की तादात में पटवारी और राजस्व निरीक्षक एकत्रित हुए यहां से रैली के रूप मे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां कलेक्टर आशीष सक्सेना को 6 सूत्री मांगो का ज्ञापन संघ के जिलाध्यक्ष अखिलेष मुलेवा और इग्गुसिंह गणावा ने संयुक्त रूप से दिया।
यह रखी मांगे-
ज्ञापन का वाचन गोपाल जोशी के द्वारा किया गया ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि वेतनमान में सुधार व संशोधन की मांग के तहत कार्य एवं उत्तरदायित्व की तुलना अनुसार पटवारीयों को पे ग्रेड-2800 व राजस्व निरीक्षकों को पे ग्रेड 3200 की जाए। वही भत्तों एवं मानदेयों का पुनरीक्षण की मांग करते हुए, पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों को देय भत्तों एवं मानदेयों का कई वर्षो से पुनरीक्षण नहीं किया गया है। पटवारियों को अतिरिक्त हल्के का मानदेय 9 रुपए(तत्समय वेतन का 25 प्रतिशत) वर्तमान वेतन का 25 प्रतिशत किया जाए, राजस्व निरीक्षकों को भी अतिरिक्त रानि सर्किल के लिए वेतन का 25 प्रतिशत मानदेय दिया जाए, राजस्व निरीक्षकों कोस्टेशनरी भत्ता 50 रुपए दिया जाता है जबकि पटवारियों को 500 रुपए दिया जाता है। राजस्व निरीक्षकों को 1500 रुपए किया जाए एवं पटवारियों को 1000 रुपए किया जाए। यात्रा भत्ता पुनरीक्षण कर पटवारियों को एक हजार रुपए एवं राजस्व निरीक्षकों को 3000 किया जाए। ज्ञापन में समयमान वेतनमान के तहत समान पे ग्रेड में पदोन्नत पटवारी से राजस्व निरीक्षकों का वेतन निर्धारण में वित्त विभाग के आदेश से 31 दिसंबर 2011 के अनुसार 3 प्रतिशत के दर से वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाए, प्रदेश के सभी राजस्व निरीक्षकों को द्वितीय समयमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण उनसे जूनियर कर्मचारी अधिक वेतन प्राप्त कर रहे हैं। यह विसंगति दूर की जाए, पटवारी पदोन्नत सभी राजस्व निरीक्षकों को उनकी कुल सेवा अवधि 10 एवं 20 वर्ष पूर्ण होने पर शासन के नियमानुसार समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाए तथा पदोन्नति की मांग में कहा गया कि प्रदेश में अन्य विभागों की तरह ही राजस्व विभाग के सभी पदों पर सीधे पदोन्नति दी जाए। समस्त प्रकार की विभागीय परीक्षाओं के स्थान पर सीधे वरिष्टता के आधार पर लाभ दिया जाए, पटवारी से राजस्व निरीक्षक 100 प्रतिशत तथा राजस्व निरीक्षक से नायब तहसीलदार 50 प्रतिशत तथा राजस्व निरीक्षक से सहायक अधीक्षक भू अभिलेख 100 प्रतिशत पदोन्नति दी जाए।
लेपटॉप-इंटरनेट डाटा उपलब्ध करवाए-
ज्ञापन के अनुसार तकनीकी पद की मांग का जिक्र करते हुए वर्तमान कार्य एवं उत्तरदायित्व के अनुसार पटवारी एवं राजस्व निरीक्षकों को तकनीकी पद घोषित किया जाकर राजस्व अभिलेख में प्रविष्टि हेतु लागू नवीन तकनीकी वेबसाइट वेव जीआइएस का उपयोगकर्ता के कार्यों के संचालन की दृष्टि से सरलीकरण किया जाकर आवश्यक प्रशिक्षण व संसाधन-लेपटॉप व इंटरनेट डाटा उपलब्ध कराया जाए, जब तक इस बिंदु 5 की मांग पूरी नहीं की जाती राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी व्दारा इटीएसएम एवं वेब जीआईएस पर कोई कार्य नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही पटवारी एवं राजस्व निरीक्षकों की पद स्थापना का मूल आधार जिला स्तरीय है अत: नियुक्त पदस्थापना एवं स्थानांतरण (स्वेछिक आधार को छोडकर) जिला स्तर पर की जाए। ज्ञापन के माध्यम से संगठन ने सरकार से इन बिंदुओं पर विचार कर आदेश जारी करने की मांग की । इन सभी समस्याओं पर निरंतर कई वर्षों से शासन स्तर पर अवगत कराया जाता रहा है किन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई है। संघ के पदाधिकारियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए समस्याओं का निराकरण 15 दिवस के भीतर नहीं होता है तो प्रदेश के पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक संघ आगामी 10 अप्रेल से अनिश्चितकालीन हडताल पर जाने के लिये विवश होंगे। इस हेतु शासन प्रशासन जिम्मेदार रहेगा।
यह रहे मौजूद-
कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते समय पटवारी संघ के मुहम्मद अशरफ, रामसिंह डामोर, नानूराम मेरावत, अभय व्यास, हेमेन्द्र कटारा, संजय सोनी, गीता मण्डोड, मलसिंग डामोर, रेखा बिलवाल, सविता डामोर, लक्ष्मी गणावा, राजस्व निरीक्षक संघ से धनजी गरवाल, सुरेश निर्वाण, केशरसिंह हाडा, गजराजसिंह सोलंकी सहित बडी संख्या में पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक उपस्थित थे ।

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