पटवारी ” नटवर ” को दो माह बाद भी राहत अग्रिम जमानत नही ; फिलहाल गिरफ्तारी पर इस कारण लगी आशिंक रोक

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@चंद्रभानसिंह भदोरिया – चीफ एडिटर

आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी के नाम करने और विधानसभा में मामला उठने के बाद निलंबित ओर एफआईआर मे नामजद किए। पटवारी नटवर कछोटिया को एफआईआर दर्ज होने के दो माह बाद भी अग्रिम जमानत नही मिली है। अलबत्ता उसे आशिंक राहत यह मिल गई है कि अग्रिम जमानत की अगली सुनवाई तक उसकी गिरफ्तारी पर हाइकोर्ट ने रोक लगाई है वह भी इसलिए कि नटवर कछोटिया ने कोर्ट से कहा है कि उसने यह काम नही किया है क्योकि नटवर के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया है कि वह हलके नंबर 12 मे उस समय पदस्थ था जबकि मामला हल्के नंबर 45 का बताया जा रहा है नटवर के वकीलों ने हाइकोर्ट में तर्क दिया है कि राजस्व विभाग ने पुलिस में उसे गलत तरीके से फंसाने के लिऐ एफआईआर दर्ज करवाई है। अब हाइकोर्ट ने पुलिस से पूछा है कि वह राजस्व रिकार्ड के साथ नटवर के हल्के नंबर के आधार पर अपनी रिपोर्ट पेश करे। इस संबंध मे मामले की जांच कर रहे थादंला एसडीओपी एमएस गवली ने बताया कि जिस हलके को हल्का नंबर 12 बताया जा रहा है वह पूर्व में हलका नंबर 45 कहलाता था हल्के का नंबर परिवर्तित हुआ है हल्का वही है ओर इसी परिवर्तन का आरोपी तकनीकी लाभ उठाने की कोशिश में है लेकिन हम राजस्व से सब दस्तावेज लिखित में ले रहे है और हाइकोर्ट में पेश करेंगे। गौरतलब है कि मामले में विधानसभा मे राजस्व मंत्री उमा शंकर गुप्ता ने थादंला विधायक कलसिंह भाबर के सवाल पर जवाब देते हुए सरकार की ओर से पटवारी नटवर कछोटिया ने यह अपराध किया है कि आदिवासी की जमीन सामान्य के नाम कर दी है इसलिए उसे निलंबित किया जाता है ओर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। राजस्व अफसरों ने उसे निलंबित तो कर दिया था ।  मगर एफआईआर दर्ज किये बिना बहाल कर दिया था लेकिन झाबुआ लाइव ने मामले को प्रमुखता से उठाया था जिसके बाद राजस्व के अफसर नटवर कछोटिया पर एफआईआर दर्ज करवाने को मजबूर हुऐ थे।

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