पटवारी का कारनामा असिंचित जमीन को सिंचित बताकर सांठगांठ कर बांटे करोड़ों रुपए

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झाबुआ लाइव के लिए रायपुरिया से लवेश स्वर्णकार की रिपोर्ट-
पेटलावद विकासखंड की ग्राम पंचायत पिठड़ी के ग्राम आंबापाड़ा में जल संसाधन विभाग द्वारा करीब 18 करोड 72 लाख की लागत से तालाब का निर्माण करवाया जाना है। दरअसल यहा जमीन का मुआवजा दिलाने को लेकर फर्जीवाड़ा करने के आरोप पीडि़त किसान लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिन किसानों की जमीन डूब में नहीं आ रही है, उन्हें मुआवजा की राशि लाखों रुपए की दिलवा दी गई है, लेकिन जिन किसानों की जमीन डूब में आ रही है उन्हे अब तक मुआवजे की राशि नही मिली है। कमलखेड़ा के किसानों ने आरोप लगाया कि हल्का 36 के पटवारी दुलेसिंह सिंगाड ओर हल्का नंबर 39 के पटवारी ने तालाब बनाने को लेकर आ रही आसपास की असिंचित जमीनों को संचित बताकर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगा दिया और मुआवजा की राशि लाखों में दिलवा दी लेकिन जिन जमीनों को सिंचित बताकर लाखों रुपए का मुआवजा दिलवाया दिया गया। असल में वह जमीन सिंचित है ही नहीं। ग्रामीणों का आरोप है कि मुआवजा दिलाने को लेकर फर्जीवाड़ा किया गया है, जिससे शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगा ही है लेकिन अब तक तालाब में डूब में आ रही जमीन का मुआवजा करीब 15 किसानों को नहीं मिल पाया है। मामले की उच्च स्तरीय जांच का मांग ग्रामीणों ने की है।
जिम्मेदारों के यह है जवाब-
मैं अभी जनसुनवाई में ज्यादा जरूरी काम में हूं।                      – आशीष सक्सेना कलेक्टर
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किसानों के आरोप के बारे मैं कुछ नहीं बोलूंगा। मेरे द्वारा पुन: मूल्यांकन किया जा रहा है।
– जीएल जाजोरिया, इचांर्ज इंजीनियर
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पटवारी ने रिसीव ही नहीं किया फोन- बताया जा रहा है कि  हल्का नबंर 36 के पटवारी दुलेसिंह सिंगाड छुट्टी पर है। मामले के संबंध में उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर 9826788936 पर संपर्क किया गया तो उन्होंने अपना मोबाइल रिसीव करना उचित नहीं समझा।

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