नौगांवा नदी पर तीन साल पहले धराशायी हुआ था पुल, चार गांवों के हजारों लोग नदी में आवाजाही को मजबूर

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विपुल पंचाल, झाबुआ
जिला मुख्यालय झाबुआ से महज 25 शिवगढ़-गुड़ा मार्ग के बीच नौगांवा नदी पर बना स्टापडेप सह पुलिया विगत 3 वर्ष पूर्व घटिया निर्माण के चलते धराशायी हो गई थी। लेकिन तीन साल गुजर जाने के बावजूद प्रशासन ने उसे दुरुस्त करवाने या नवीन निर्माण की जेहमत नहीं उठाई। जिसके परिणाम स्वरूप नौगांवा के नदी के आसपास के चार गांवों के दर्जनी स्कूलों बच्चे एवं हजारों ग्रामीण पुलिया के अभाव में बीच नदी से गुजरकर आवाजाही को मजबूर है। झाबुआ लाइव ने आज ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर ग्रामीणों एवं स्कूली बच्चों की परेशानी को अपने कैमरे में कैद किया एवं ग्रामीणों एवं बच्चों से संवाद किया। इस दौरान वहां से गुजर रहे ग्रामीण धुलिया परमार ने बताया कि पुलिया टूट जाने से इलाके के लोग काफी परेशान है। बारिश के दिनों में यह दिक्कत बढ़ जाती है और अगर नदी में पानी अगर ज्यादा आ जाए तो थांदला तक 12 किमी तक घूमकर आना-जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को ज्यादा दिक्कत होती है। धुलिया परमार का कहना है कि अगर शिवगढ़ और गुड़ा के सरपंच मिलकर पहल करे तो उन्हें इस परेशानी से निजात मिल सकती है। वहीं स्कूली विद्यार्थी शुभम एवं पायल का कहना है कि बारिश के दिनों में हमें बहुत दिक्कत होती है और जान जोखिम में डालकर नदी में से आना -जाना पड़ता है जब पानी ज्यादा गिरता है तो हमारी मम्मी-पापा स्कूल नहीं भेजते। हमारे स्कूल बैग भी भीग जाते हैं। वहीं इलाके में पढ़ा रहे शिक्षक विजय पंवार कहते हैं कि बारिश के दिनों में बच्चों की उपस्थिति पुल टूटा होने एवं नदी में घुटनों तक पानी होने में आवाजाही के चलते उपस्थिति प्रभावित होती है। बच्चे अक्सर गिर जाते हैं उनकी यूनिफार्म भीग जाती है। प्रशासन को कोई पहल करना चाहिए। इस संबंध में झाबुआ लाइव ने जब झाबुआ कलेक्टर आशीष सक्सेना को वीडियो दिखाकर बच्चों की परेशानी बताई तो उन्होंने मामले को दिखवाने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ने इस स्टापडेम सह पुलिया का निर्माण किया था और घटिया निर्माण के चलते यह पुल साढ़े तीन साल पहले धराशायी हो चुका है।

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