झाबुआ डेस्क। नैशनल हेराल्ड प्रकरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शह पर भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा उनके एजेंट के रूप में कार्य करते हुए नेहरू गांधी परिवार की तीसरी पीढी स्व इन्दिरा गांधी, राहुल गांधी और अब सोनिया-राहुल गांधी को बिना वजह बदनाम करने एवं उनके खिलाफ न्यायालय में प्रकरण दर्ज करवाने को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। इस दोरान कांग्रेस ने इसे राजनैतिक द्वेष भावना से परिपूर्ण कार्रवाई बताकर भाजपा सरकार की ओछी मानसिकता करार दिया। जिला कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्षा कलावती भूरिया के नेतृत्व में जिला काग्रेस कार्यालय से बड़ी संख्या में लोग रैली के रूप में नारे लगाते हुए फव्वारा चोक बस स्टैंड पहंुचे तथा वहां पर प्रधानमंत्री मोदी के पुलते का नारेबाजी फूंका डाला। कलावती भूरिया ने इस अवसर पर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा सिद्धांत की राजनीति की है,किन्तु भारतीय जनता पार्टी अपनी हीन भावना से ग्रस्त होकर ओछी मानसिकता के साथ घृणित राजनीति कर बदले की भावना से कांग्रेस के नेताओं को प्रताड़ित करती है। उन्होने नैशनल हेराल्ड प्रकरण के बारे में कहा कि उक्त कंपनी पूरी तरह कांग्रेस की होकर कांग्रेस ने किसी भी प्रकार का नियम के विपरीत काम नही किया है। मोदी ने अपने मंसूबों को पूरा करने के लिये सुब्रहमण्य स्वामी को मुहरा बना कर कोर्ट में प्रकरण दाखिल करवाया है। कोर्ट में सोनिया गांधी एवं राहूल गांधी ने उपस्थित होकर उसका सम्मान किया है।
भाजपा के राज मे कोई सुरक्षित नहीं
कलावती ने इस अवसर पर जिले में कानून एवं व्यवस्था की चरमराती हालात पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि थान्दला मे शुक्रवार रात को थांदला में हुई हृदय विदारक आपरधिक घटना से यह साबित होता है कि भाजपा के राज में अब नागरिक भी सुरक्षित नही है। यदि यही हालात रहे तथा व्यवस्था में सुधार नही आया तो कांग्रेस पूरे अंचल में प्रभावी आन्दोलन करने को बाध्य होगी ।
जिला कांग्रेस द्वारा आयोजित पुतला प्रदर्शन कार्यक्रम के अवसर पर पूर्व विधायक वालसिंह मेडा, कांग्रेस नेता मानसिंह मेडा, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद डामोर, केमता डामोर शंकरसिंह भूरिया, जिला प्रवक्ता हर्ष भट्ट, तेरिसंह भूरिया,खुमान, कैलाश डामोर, विनय भाबोर, विजय भाबोर, प्रकाश बामनिया, बबलू कटारा, गोरव सक्सेना, ऋषि डोडियार, खुनाभाई सरपंच काना भाई, तोलिया भाई, नारूभाई, गोपाल सोनी, मानसिंह ढेबर, रूपसिंह, जवसिंह खेडी, प्रेमा डामोर, अमरा डामोर, रामसिंह दाहिमा, रतनमेडा, बहादूर बिलवाल, चातर भूरिया, बालुभाई मसूरिया, छगन, नारूभाई पिपलिया, माना पिपलिया, पीटर, धारू मावी, रतन भाबोंर, कमलेश चोहान, रमेश मेडा, सहित अनेक कांग्रेस पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ता मोजूद रहे।