निजी स्कूल संचालक की लापरवाही से बालक की उंगली टूटी, अस्पताल में ले जाकर पट्टी बांध की कार्य की इतिश्री

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
मेघनगर में निजी स्कूल संचालक सिर्फ ओर सिर्फ रूपये बटोरने मे लगे हुए है उनको सिर्फ ओर सिर्फ अपने विद्यालय ज्यादा बच्चो की भीड़ जुटाकर फीस के रूप में मिलने वाली मोटी रकम कमाना आता है। ऐसे मे किसी स्कूली बच्चे के साथ कुछ भी घटित हो जाए तो उनको इस बात की परवाह नही ताजा मामला नगर के बाफना पब्लिक स्कूल का है जहां पर कक्षा तीसरी के छात्र नैतिक पाटीदार पिता रमेश पाटीदार निवासी अगराल अध्ययनरत है और 31 जनवरी को सुबह 10 बजे की घटना है छात्र नैतिक प्रार्थना के बाद जब अपनी क्लास मे जा रहा था तो एक बच्चे ने उसको धक्का दिया जिससे बच्चा दरवाजे पर जा टकराया जिससे बच्चे की हाथ की उंगली दरवाजे में फंस गई ओर वह ओर उंगली से खून निकलने लगा। इस बात की सूचना शिक्षको को लगी इस बात की सूचना नैतिक के पिता को फोन पर दी नैतिक पिता किसी कारणवश बाहर थे तो उन्होंने निजी अस्पताल में इलाज करवाने की बात कही। मगर अपनी मस्ती मे मस्त शिक्षक बालक नेतिक को सरकारी अस्पताल ले गए ओर पट्टी बंधवा कर स्कूल ले आए, और उस समय शिक्षक को डाक्टर द्वारा बालक की उंगली का एक्सरे करवाने की बात कही थी। उक्त बात शिक्षक द्वारा नैतिक के पिता को नहीं बताई गई, बालक नैतिक दर्द से रोने लगा तो उसे निजी चिकित्सक डा किशोर के अस्पताल ले गए और एक्स-रे करवाया तो उंगली मे फेक्चर की बात सामने आई। इस बात को लेकर बालक नैतिक के पिता स्कूल प्रबंधक के पास गए और इस तरह की लापरवाही की बात की, किन्तु स्कूल प्रबन्धक द्वारा मामले को खुद को बचाते नजर आए। अब सबसे बड़ा सवाल यह है की इतनी बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद भी स्कूल प्रबन्धक अपनी गलती न मानते हुए मीडिया व घायल छात्र नैतिक के पिता पर रौब झाड़ता नजर आया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है हजारो की राशि बतौर फीस लेने के बाद भी आपका बच्चा ऐसे निजी स्कूलो मे सुरक्षित है या नहीं ….?
पीडि़त बोल-
नैतिक के पिता रमेश पाटीदार कहते हैं कि मेरे पास स्कूल से फोन आया था। मैं बाहर था इसलिए मैंने उन्हें नैतिक को डॉ. किशोर के यहा ले जाने के लिए कहा था।मगर वह उसे सरकारी अस्पताल ले गए उन्होंने मुझे बताया की हवा के झोंके के कारण आप के बेटे की उंगली दरवाजे मे आ गई है, किन्तु बाद में मेरे पुत्र नैतिक ने मुझे बताया की मुझे बच्चे ने धक्का दिया था। शिक्षक उसे पट्टी बंधावा कर स्कूल ले आए थे, किन्तु जब नैतिक को दर्द हुआ तो मैं डॉ. किशोर के यहा ले गया ओर एक्सरा करवाया तो उंगली मे फेक्चर निकला।

डॉक्टर की सुनो-
बालक को मेरे पास लेकर आए थे। मैंने ड्रेसिंग करवाने का बोला था साथ ही यह भी बोला था की कल सुबह फॉलोअप में बच्चे का एक्सरा भी करवा लेना है।- डॉ. शेलक्षी वर्मा, बीएमओ मेघनगर

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बालक को मेरे पास लेकर आए थे। मैंने बालक के हाथ का एक्सरा करवाया तो उसकी उंगली मे फेक्चर पाया गया। डॉ. किशोर नायक, निजी चिकित्सक

जिम्मेदार बोल-
इस मामले मे मामले की जांच कर दोषी स्कूल संचालक के खिलाफ कार्रवाईकी जाएगी। -एमएस सोलंकी,डीईओ झाबुआ

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